लखनऊ: अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के बुरे दिनों की उलटी गिनती चालू है। गैंग रेप तथा पाक्सो के मामले में जेल में बंद प्रजापति तथा साथियों के खिलाफ आज आरोप तय होंगे। इससे पहले लखनऊ में उनका अवैध निर्माण भी गिराया गया था।
लखनऊ की विशेष पोक्सो कोर्ट में प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार में कद्दावर मंत्री रहे गायत्री प्रजापति और छह अन्य आरोपियों के खिलाफ आज गैंग रेप के मामले में आरोप तय करेगी। क्षेत्राधिकारी राधेश्याम राय ने विशेष न्यायाधीश उमा शंकर शर्मा की कोर्ट में 824 पेज का आरोप पत्र पेश किया था। राय के नेतृत्व में मामले की जांच करने वाली एसआईटी ने गायत्री प्रजापति, उनके गनर चंद्रपाल, रुपेश्वर उफऱ् रुपेश, अशोक तिवारी, विकास वर्मा, अमरेन्द्र सिंह और आशीष शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। चार्जशीट में गायत्री प्रसाद प्रजापति अमरेन्द्र, आशीष और अशोक के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत आरोप लगे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लखनऊ के गौतम पल्ली थाना में 18 फरवरी 2017 को गैंगरेप पीडि़ता की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उसके बाद गायत्री प्रजापति और अन्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक जांच में खुलासा हुआ था कि गायत्री प्रसाद प्रजापति को इसी मामले में जमानत देने के लिए 10 करोड़ रुपये में डील की गई थी।
खुलासा तब हुआ जब इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीबी भोसले प्रजापति को जमानत देने के लिए जांच कमेटी गठित की।
जांच में पाया गया है कि संवेदनशील न्यायालयों में जहां रेप और मर्डर जैसे जघन्य अपराधों की सुनवाई होती है वहां जजों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर धांधली हुई।
गौरतलब है कि चंद रोज पहले मुलायम सिंह यादव लखनऊ जेल में गायत्री प्रजापति से मिलने गए थे। मुलायम सिंह से मुलाकात के बाद प्रजापति बहुत ही भावुक हो गए थे। उन्होंने मुलायम सिंह से अपने को जेल से बाहर निकालने की गुजारिश की।