Friday, April 19, 2024
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संगठित अपराधियों पर कसेगा सीएम योगी का शिकंजा

SI News Today

लखनऊ: बिगड़ी कानून व्यवस्था और संगठित अपराधों पर रोकथाम के लिए योगी सरकार जल्द ही मकोका की तरह कड़ा कानून लाने जा रही है। इसका नाम यूपीकोका (उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) होगा। मसौदा तैयार कर फाइल मुख्यमंत्री के पास भेजी गई है। जल्द ही इसे कैबिनेट में रखा जाएगा। इस कानून में अपराधियों को आसानी से जमानत नहीं मिल सकेगी और उन्हें कड़ी सजा का प्रावधान होगा।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगठित अपराधियों से निपटने के लिए कड़ा कानून बनाने की बात पहले ही कही थी। सीएम बनने के कुछ ही दिनों बाद गोरखपुर में उन्होंने कहा था कि अब यहां गुंडों के लिए कोई जगह नहीं है, वे यूपी छोड़ दें। पुलिस महानिदेशक पद पर सुलखान सिंह की नियुक्ति के बाद ही यूपीकोका की तैयारी शुरू कर दी गई थी।

इसके तहत संगठित अपराध जैसे अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी और उनको संरक्षण देने वालों, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जाते हैं, जैसे मामलों में यह एक्ट लागू होगा।

इसमें पांच से लेकर 25 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। साथ ही तीन साल से लेकर उम्रकैद और फांसी तक की सजा हो सकती है। प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराधों पर नियंत्रण में यह कानून काफी असरकारक होगा। राज्य में आइएसआइ नेटवर्क से जुड़े आतंकियों की गिरफ्तारी होने पर उनके खिलाफ भी यूपीकोका के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के यहां इसकी फाइल भेजी गई है। विधानसभा में इसका प्रस्ताव पारित होने के बाद इसके लिए राष्ट्रपति से भी मंजूरी लेनी होगी।

मायावती शासन में भी हुई थी तैयारी: गौरतलब है कि इससे पहले 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने यूपीकोका लगाने की तैयारी की थी और प्रस्ताव भी तैयार कर राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था लेकिन, तब उसे मंजूरी नहीं मिली थी।

महाराष्ट्र, दिल्ली में लागू है ऐसा कानून: महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) 1999 में अंडरवर्ल्ड के खौफ से जूझ रही मुंबई के अपराधियों को काबू करने के लिए लाया गया था। इसके बाद 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू किया। उत्तर प्रदेश तीसरा ऐसा राज्य होगा, जहां यह कानून लागू होगा। हालांकि गुजरात सरकार ने भी इसी तरह के कानून का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है, जबकि पंजाब में इसकी तैयारी की जा रही है।

विशेष अदालतों में होगी सुनवाई: यूपीकोका के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई विशेष अदालतों में होगी। इसके लिए अलग से अदालतें गठित होंगी। महाराष्ट्र में मकोका अदालतों का गठन किया गया है। इसमें पुलिस को अपराधियों पर चार्जशीट दाखिल करने का समय भी अधिक मिलेगा।

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