आधुनिक दौर में बदलती जीवन शैली के साथ पुरूषों का वीर्य घटने की बातें भी सामने आने लगी हैं। इसका असर उनकी सेक्स लाईफ पर पड़ता है। हालांकि आधुनिक विज्ञान के चिकित्सकों का मानना है कि वीर्य बनना एक नैसर्गिक क्रिया है, जो स्वतः होती है। मगर कुछ शोधों में वीर्य घटने के कारणों को खोजा गया है। वीर्य पुरूष के शरीर का एक अहम तत्व होता है। इसके माध्यम से व्यक्ति स्त्री की योनि में अंदर मौजूद रज के माध्यम से संतान उत्पत्ति के लिए कारक तत्वों का सृजन करने के लिए परिस्थितियां बनाता है।
वीर्य और रज के युग्मज से ही आगे भ्रूण का विकास होता है। इसलिए यह बेहद महत्वपूर्ण होता है। हालांकि आधुनिक दौर में इसके घटने की चिंता पुरूषों को सताने लगी है। ब्रिटेन की फूड स्टैंडर्ड एजेंसी ने इस संबंध में एक शोध कर यह जाहिर किया है कि जब पुरूष बाईस्फेनाॅल ए अर्थात् बीपीए नाम के केमिकल के संपर्क में आते हैं तो उनका वीर्य घट सकता है। यह रसायन पानी की बोतलों और प्लास्टिक के बर्तनों में मौजूद होता है। इससे वीर्य संबंधी समस्याऐं सामने आती हैं।
यह रसायन एंडोक्रान डिसरप्टर है। जो शरीर में हार्मोन के बदलाव को प्रभावित करता है। फर्टिलिटी संबंधी समस्याओं का यह कारण हो सकता है। रोगों को दे सकता है जन्म :- किए गए शोध के आधार पर यह तथ्य भी सामने आया है कि उक्त केमिकल के संपर्क में आने से डायबिटीज़, मोटापा और कैंसर जैसी समस्याऐं भी सामने आ सकती हैं। योरप में इस केमिकल का उपयोग बच्चों के प्रोड्क्ट में करने पर सख्त पाबंदी है।