Friday, March 29, 2024
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शादी से पहले सेक्स करें या नहीं?

SI News Today
Do sex before marriage or not?

समाज चाहे आज कितना भी मॉडर्न हो गया हो परन्तु शादी से पहले सम्बन्ध बनाने की इजाजत आज भी नहीं दी जाती है, यदि आप शादी से पहले सम्बन्ध बनाते है और इस बारे में समाज में पता चलता है, तो लड़के, लड़की व् उनके परिवार वालों को भी बदनामी का सामना करना पड़ता है, साथ ही समाज में उन्हें बार बार अपमानित किया जाता है।
शारीरिक सम्बन्ध बनाने में कोई बुराई नहीं परन्तु तब जब आप एक रिश्ते में होते है, और समाज की नज़रों में भी वो अच्छा होता है, खासकर इसके कारण ज्यादा समस्या लड़कियों को होती है, क्योंकि कई बार लड़के लड़कियों का फायदा उठाते है। यदि उनकी शादी कहीं और हो जाती है, तो शादी के बाद उनके मन में हमेशा ये डर बना रहता है कि कहीं उनके पति को इस बात का पता चल गया तो इसके कारण उनकी शादीशुदा जिन्दगी बर्बाद हो सकती है। इसके कारण कई बार आपको शारीरिक समस्या जैसे कि योंन रोग भी हो सकता है, इसीलिए इस बात का आपको ध्यान देना चाहिए कि शादी से पहले कभी भी शारीरिक सम्बन्ध न बनाएं क्योंकि कई बार आपकी एक गलती आपकी जिन्दगी को खराब कर सकती है। तो आइये अब विस्तार से जानते है की शादी से पहले सेक्स करने से कौन कौन से नुकसान आपको हो सकते है।
सेक्स को लेकर और महानगरों में लिव इन रिलेशनशिप के प्रयोग के जड़ें जमाने से देश के युवक-युवतियों के खयाल एकदम बदलते नजर आ रहे हैं। हाल ही में एक सर्वेक्षण के दौरान यह बात सामने आई कि अब लड़कियों में वर्जिन हसबेंड की चाहत कम होती जा रही है। इसी तरह लड़कों में भी वर्जिन पत्नी को लेकर बदलाव आ रहा है।

बड़े शहरों में तो यहां तक स्थिति आ गई है कि शादी से पहले सेक्स संबंधों को ‘कोई बड़ी बात नहीं’ कहा जाने लगा है। इसका अर्थ है कि सेक्स को लेकर युवा वर्ग का नजरिया पूरी तरह बदल रहा है। सर्वेक्षण के तहत जब अलग-अलग शहरों में लड़कियों से एक सवाल किया गया। युवतियों से पूछा गया कि क्या वे वर्जिन हसबेंड चाहेंगी? इस सवाल के जो जवाब आए, वे बहुत-कुछ सोचने को मजबूर कर देते हैं।
शादी से पहले सेक्स के रोक पर सबसे पहली धारणा आती है कौमार्य की, खासकर लड़कियों की। इसे न सिर्फ समाज का बल्कि धर्म का और सदियों से चली आ रही तमाम प्रथाओं का समर्थन है जिन्होंने स्त्रियों को पुरुषों के सामान के रूप में दिखाया है। यहाँ ये बात गौरतलब है की हर समाज और धर्म की स्थापना का एक एक केंद्र स्त्रियों के इर्द-गिर्द होता है. इसमें ये बात दिखलाई जाति है की स्त्रियों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। ये सारे नियम पुरुषों द्वारा तय किये जाते हैं। आज जब हम तरक्की का जड़ विज्ञान में देख रहें हैं तो हमारी दिनचर्या ऐसे बहुत सारे धारणाओं को अपने-आप तोड़ रही है। लेकिन, इस टूटने के दौरान जैसे ही किसी भी स्थापित सत्ता को कोई खतरा दीखता है वो किसी न किसी बहाने धर्म, समाज या संस्कृति की दुहाई देकर अपने जगह पर बने रहने की कोशिश करता है।
शादी के पहले सेक्स में एक बात तो तर्क के आधार पर जायज़ है वो है सेक्स ज्ञान का ना होना। अगर बढ़ते बच्चों को सही समय पर सेक्स सम्बन्धी सूचनाएँ नहीं मिलेंगी तो सेक्स से अनचाहा गर्भ या यौन संक्रमित बीमारियाँ फ़ैल सकती हैं। लेकिन इसे दूर करने का उपाय आज के सूचना क्रांति के दौर में सूचनाएँ मुहैया करना है ना कि किसी चीज़ पर रोक लगा देना। इस बात को बार-बार दोहराना चाहिए की जिस चीज़ को बल से जितना रोका जाता है उसके फैलने या फूटने की क्षमता का उतना ज्यादा विकास होता जाता है। आज जरूरत है सही सन्दर्भ में चीज़ों को समझने की ना की आवेग में आ कर कोई कदम उठाने की।

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