मंगलवार के दिन को हनुमान जी का दिन माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से हनुमान जी खुश होते हैं और जातक पर हनुमान जी की कृपा बरसती है। कई ज्योतिषी हनुमान जी का व्रत करने की सलाह देती है। मंगलवार के दिन हनुमान जी का व्रत करने की एक पौराणिक कथा है।
पौराणिक कथा के अनुसार केशवदत्त और उनकी पत्नी अंजलि के पास बहुत पैसा था। इन दोनों को अपने नगर में बहुत मान-सम्मान हासिल था। दोनों पति-पत्नी मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करते थे। दोनों की कोई संतान नहीं थी। इन दोनों की पूजा को देखकर किसी ने इन्हें मंगलवार का व्रत करने की सलाह दी। सलाह मानकार दोनों ने मंगलवार को हनुमान जी का व्रत करना शुरू कर दिया।
दोनों दंपत्ति कई सालों तक हनुमान जी का व्रत करते रहे। लेकिन लेकिन कई सालों तक व्रत करने के बाद भी दोनों को कोई संतान नहीं हुई। दोनों निराश नहीं हुए और पूजा करना जारी रखा।
कुछ दिनों के बाद केशवदत्त हनुमान जी की पूजा के लिए जंगल में चला गया और वहीं जाकर पूजा करने लगा। अंजलि घर में ही रहकर हनुमान जी की पूजा और व्रत करती रही। एक दिन मंगलवार को अंजलि हनुमान जी को भोग लगाना भूल गई। अंजलि को सूर्योस्त के बाद याद आया कि वो हनुमान जी को भोग लगाना भूल गई हैं। अपनी गलती को ठीक करने के लिए अंजलि ने अगले सात दिन तक खाना ना खाने का फैसला किया।
दो दिन के बाद अंजलि बेहोश हो गई। सपने में हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिए और कहा कि, ” उठो पुत्री, मैं तुम्हारी पूजा से खुश हुआ। तुम्हें पुत्र होने का वर देता हूं।” पुत्र का वरदान देकर हनुमान जी गायब हो गए। कुछ दिनों बाद अंजलि को पुत्र की प्राप्ति हुई।
पुत्र प्राप्ति के कुछ दिनों बाद केशवदत्त घर लौटे तो बच्चे को देखकर बहुत हैरान हुए। अंजलि ने उन्हें सारी कहानी सुनाई। लेकिन केशवदत्त को यकीन नहीं हुआ। केशवदत्त को लगा कि अंजलि ने उसके साथ विश्वाघात किया है।
केशवदत्त ने बच्चे को मारने की योजना बनाई और बच्चे को कुएं में गिरा दिया। लेकिन कुछ ही देर में बच्चा वापस निकल आया। बच्चे को देखकर केशवदत्त हैरान हो गया। रात में जब केशवदत्त सो रहा था तो सपने में हनुमान जी आए और सारी बात बताई। हनुमान जी कहा कि तुम अपनी पत्नी पर शक क्यों करते हो। मैंने तुम दोनों की पूजा से खुश होकर ये बच्चा तुम्हें दिया है।
सुबह उठकर केशवदत्त ने अपने पत्नी से माफी मांगी और सपने में हनुमान जी के दर्शन की बात बताई। तब से मंगलवार को हनुमान जी का व्रत करने की परंपरा चली आ रही है।