Friday, March 29, 2024
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पिछले छह साल में सबसे ज्‍यादा इस साल सरकार को टैक्‍स के रूप में मिले 17.10 लाख करोड़ रुपये

SI News Today

इस साल सरकार को पिछले छह साल की तुलना में सबसे ज्यादा टैक्स से पैसा मिला है। इस साल कुल 17.10 लाख करोड़ रुपये की राशि सरकार के पास टैक्स के रूप में आई है। इसमें पिछले साल की तुलना में 18% की बढ़ोतरी हुई है। 1 फरवरी को पेश हुए बजट में सरकार ने 16.97 लाख करोड़ रुपये का टैक्स मिलने का अनुमान लगाया था। अप्रैल मार्च की अवधि के दौरन प्रत्यक्ष कर में 14.2% की बढ़ोतरी हुई और यह 8.47 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं अप्रत्यक्ष कर की बात करें तो यह 22% की बढ़ोतरी के साथ 8.63 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह 2016-17 के लिए प्रत्यक्ष कर प्राप्ति का टारगेट 100 फीसदी पूरा हुआ है।

प्रत्यक्ष कर में कॉर्पोरेट इनकम टैक्‍स (सीआईटी) और पर्सनल इनकम टैक्‍स (पीआईटी) शामिल हैं। प्रोविजनल आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2017 तक कॉर्पोरेट टैक्‍स कलेक्‍शन में 13.1% और पर्सनल इनकम टैक्‍स में 18.4% है। हालांकि रिफंड के बाद नेट कॉर्पोरेट टैक्‍स ग्रोथ 6.7 फीसदी और पर्सनल इनकम टैक्‍स ग्रोथ 21 फीसदी है। अप्रैल 2016- मार्च 2017 के दौरान 1.62 लाख करोड़ रुपये का रिफंड किया गया, जो 2015-16 में किए गए रिफंड से 32.6% ज्‍यादा है। 2016-17 में प्रोविजनल अप्रत्यक्ष कर कलेक्‍शन 2015-16 के मुकाबले 22% बढ़कर 8.63 लाख करोड़ रुपये हो गया है। अप्रत्यक्ष कर में सेंट्रल एक्‍साइज, सर्विस टैक्‍स और कस्‍टम्‍स शामिल हैं। सेंट्रल एक्‍साइज का पूरा कलेक्‍शन मार्च 2017 तक 3.83 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले  वित्त वर्ष के मुकाबले 33.9% ज्‍यादा है। पूरा कस्‍टम कलेक्‍शन 2016-17 में 2.26 लाख करोड़ रुपये रहा, जोकि इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 7.4% ज्‍यादा है।

वित्त वर्ष 2016-17 में राजस्थान क्षेत्रीय आयकर मुख्यालय ने नया इतिहास रच दिया है। आयकर वसूली वृद्धि के मामले में राजस्थान आयकर विभाग ने मुंबई, बैंग्लोर, गुजरात, दिल्ली जैसे देश के दिग्गज राज्यों को पछाड़ दिया है। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में आयकर वसूली वृद्धि के मामले में राजस्थान पहले पायदान पर आ गया है। राजस्थान में आयकर वसूली में 53.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।  उत्तर प्रदेश ने 27.4% आयकर वसूली वृद्धि दर के साथ दूसरे पायदान पर है। वहीं भुवनेश्वर आयकर क्षेत्रीय मुख्यालय 27.3 फीसदी के साथ तीसरे पायदान पर है। वित्त वर्ष 2016-17 में दिल्ली में आयकर वसूली वृद्धि दर 4.3 फीसदी, बेंगलुरू में 20.5 फीसदी, चैन्नई में 16.7 फीसदी, पुणे में 16.6 फीसदी, अहमदाबाद में 13.3 फीसदी, हैदराबाद में 10.7 फीसदी, कोलकाता में 15.7 फीसदी आयकर वसूली वृद्धि दर्ज की गई है।

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