Friday, March 29, 2024
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डॉ. एमएलबी भट्ट केजीएमयू के वीसी बने , जानें क्या होंगी उनकी प्राथमिकताएं

SI News Today

रेडियोथेरेपी विभाग के हेड डॉ. एमएलबी भट्ट ने केजीएमयू के नए वीसी का कार्यभार लेने के बाद अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं। उन्होंने कहा कि विवि में पढ़ाई का माहौल बेहतर करने के साथ मरीजों की भागदौड़ खत्म करना प्राथमिकता होगी।
केंद्र व प्रदेश सरकार की सबका साथ सबका विकास की नीति पर काम होगा। मरीज से लेकर डॉक्टर, रेजिडेंट और कर्मचारियों के हित के साथ समाज और देश के लिए काम होगा। पेश है उनसे बातचीत के अंश..

सवाल: मरीजों को राहत देने के लिए क्या कदम उठाएंगे?
जवाब: केजीएमयू में काफी समय गुजार चुका हूं। हर तरह की समस्या यानी बीमारी से पूरी तरह वाकिफ हूं और अब उसका इलाज करने की जिम्मेदारी मिली है। मरीजों व उनके तीमारदारों को इलाज के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़े इसके लिए सिंगल विंडो और सेंट्रलाइज ट्रीटमेंट पॉलिसी को हर हाल में लागू किया जाएगा।

सवाल: पिछले कुछ समय में इलाज महंगा हो गया है। इसके लिए क्या करेंगे?
जवाब: बेड चार्ज, जांच और अन्य मदों में ली जा रही फीस में बढ़ोतरी की जानकारी है। जो भी बढ़ोतरी चिकित्सा शिक्षा विभाग या सरकार के अनुमोदन के बिना हुई है उस पर विचार किया जाएगा। मरीजों को हर तरह से राहत दिलाने की कोशिश होगी।

सवाल: दवा संकट को लेकर हमेशा परेशानी बनी रहती है?
जवाब: विवि में रोगियों को सस्ती दर पर हर तरह की दवा मिले इसके लिए व्यवस्था की जाएगी। उपलब्ध संसाधनों में बेहतर चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। फार्मेसी के दवा संकट को जल्द से जल्द दूर करा लिया जाएगा। रोगियों को दवा के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

सवाल: ट्रॉमा-टू में इलाज की व्यवस्था रंग नहीं ला सकी है?
जवाब: केजीएमयू ट्रॉमा-टू में इलाज की व्यवस्था पर रिव्यू किया जाएगा। फिलहाल हमारे पास इतने चिकित्सक नहीं है कि ट्रॉमा-टू को ट्रॉमा-वन की तरह चला सकें। शासन व सरकार से बात करने के बाद अंतिम फैसला होगा।

सवाल: विवि में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स पर फीस का बोझ बढ़ा है?
जवाब: स्टूडेंट्स पर फीस का बोझ बढ़ा है और आज की तारीख में पूरे प्रदेश में सबसे महंगी पढ़ाई हुई है तो इस संबंध में स्टूडेंट के साथ बैठक कर बात की जाएगी। हर संभव राहत देने की कोशिश होगी। सरकार से बात कर व्यवस्था को ठीक किया जाएगा।

सवाल: रेजिडेंट और मरीज के बीच अंतर बड़ा हो गया है?
जवाब: रेजिडेंट डॉक्टरों ने विभाग में दवा संकट को लेकर कई बार शिकायत दर्ज कराई है। अलग-अलग विभागों के वार्डों में जरूरी संसाधन की व्यवस्था कराई जाएगी तो ये समस्याएं खत्म हो जाएंगी। रेजिडेंट्स को मरीजों व तीमारदारों के साथ सौम्य व्यवहार के लिए प्रेरित किया जाएगा।

सवाल: पिछले तीन साल में केजीएमयू की तस्वीर बदली है उस पर क्या कहेंगे?
जवाब: तीन साल में 40 से 84 विभाग खोलना भविष्य के लिए बेहतर योजना है। आने वाले समय में इन विभागों को बेहतर करने के साथ जरूरी पदों को भरा जाएगा जिससे इनका संचालन बेहतर तरीके से हो सके।

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