Thursday, April 18, 2024
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सुरा घोटाला:जब्त शराब को नष्ट करने की कानूनी प्रक्रिया जानिए क्या है

SI News Today

बिहार में शराबबंदी के फैसले को लेकर नीतीश सरकार की जमकर तारीफ हुई और उनके इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया गया। फैसला लागू करने के साथ ही इसके क्रियान्वयन को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे थे। अब पुलिसकर्मियों द्वारा शराब का सेवन किए जाने के मामले सामने आने के बाद नई बहस खड़ी हो गई है कि जब राज्य में शराब बेचने, बाहर से लाने और पीने पर पाबंदी है तो पुलिसकर्मियों के पास शराब कैसे पहुंच रही है। आइए जानते है कि सीज की हुई शराब को नष्ठ करने की क्या कानूनी प्रकिया है?

जब्त की गई शराब को नष्ट करने के संबंध में पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक निशांत तिवारी ने बताया कि शराब को नष्ट करने के लिए डीएम से परमिशन लेने की जरुरत होती है। परमिशन मिलने के बाद एक इस पूरे अभियान के लिए एक मेजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाती है। शराब की बोतलों को मेजिस्ट्रेट के सामने नष्ट किया जाता है और इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है। एसपी ने आगे बताया कि सीज की गई शराब को फॉरेंसिक रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही नष्ट किया जा सकता है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी के बाद से पूर्णियां में 8138.88 लीटर विदेशी शराब और 1081 लीटर देशी शराब सीज की गई। पुलिस द्वारा 3,900 लीटर विदेशी शराब और 800 लीटर देशी शराब नष्ट की गई। हालांकि पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सभी पुलिस थाने शराब नष्ट करने के नियमों का पालन नहीं करते हैं।

बता दें कि कुछ दिन पहले खबरें आईं कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ली जाने वाली मासिक क्राइम मीटिंग में एसएचओ ने चूहों ने मालखाने में रखी सीलबंद शराब की बोतलों को खोलकर उनकी सारी शराब पी ली। वहीं, मालखाने में उचित रखरखाव के अभाव में भी काफी सारी बोतलें टूट गईं। इसके बाद पुलिस की ओर से इस मामले के जांच के आदेश दिए गए। सवाल यह भी है कि इतनी ज्यादा मात्रा में शराब को मालखाने में रख जाने के बजाए नष्ट क्यों नहीं किया गया? शराबबंदी के बाद पिछले 13 महीनो में 9 लाख लीटर शराब जब्त की गई।

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