Friday, March 29, 2024
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नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती पर लगाया आरोप, मायावती ने कहा की -मुसलमान गद्दार

SI News Today

बहुजन समाज पार्टी से कल बाहर किए गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बसपा प्रमुख मायावती पर गंभीर आरोप लगाए। लखनऊ में अपने घर पर प्रेंस कांफ्रेंस में सिद्दीकी ने मायावती के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को कठघरे में खड़ा किया।

उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निष्कासित नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि मुझे झूठे आरोप लगाकर पार्टी से निकाला गया। नसीमुद्दीन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मायावती ने दाढ़ी वाले मुसलमानों को गाली दी। उन्होंने कहा मैंने मायावती को बताया कि गठबंधन के बाद मुस्लिम वोटर कम हुए। उन्होंने कहा कि मायावती ने सिर्फ मुसलमानों को नहीं बल्कि धोबी, पासी, कोहार सभी को बुरा भला कहा। नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती से बातचीत की रिकॉडिंग भी सबको सुनवाई।

मैंने मायावती को हार के कारणों के बारे में बताया था जिस पर वह नाराज हो गई थीं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद मायावती ने मुझे दिल्ली बुलाकर मायावती ने कहा कि मुसलमान गद्दार है। मुझे दिल्ली बुलाकर मायावती ने पूछा मुसलमानों ने बहुजन समाज पार्टी को वोट क्यों नही दिया। मायावती ने मुझे काफी उल्टा-सीधा कहा, मायावती ने कांशीराम के बारे में जो कहा मैंने उसका विरोध किया था।

नसीमुद्दीन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मायावती ने मुझसे पैसे की मांग की। पार्टी को 50 करोड़ रुपये की जरूरत है। मैंने कहा कि मैं कहां से लाऊं तो बोलीं, अपनी प्रापर्टी बेच दो।  मैंने कहा कि अगर मैं अपनी प्रापर्टी बेच भी दूंगा तो 50 करोड़ का चौथाई भी हो जाए तो बड़ी बात है।  मैंने ये भी कहा कि नोटबंदी के बाद अगर प्रापर्टी बेचूंगा तो भी कैश नहीं मिलेगा, लेकिन पार्टी हित के लिए मैं ये भी तैयार हूं। अपने दोस्तो-रिश्तेदारों से कहा कि कुछ करें।  पार्टी के लोगों से कहा कि मेरी प्रापर्टी बिकवा दो। जब थोड़ा पैसा इकट्ठा हो गया तो मैंने बहनजी को कहा कि पैसा इकट्ठा हो गया है।

मैंने मायावती से कहा कि जिन कांशीराव ने पार्टी की नींव रखी, जिन्होंने आपको राजनीति सिखाई, उनके बारे में आपने गलत बोला। कार्यकर्ताओं को अच्छा नहीं लगा। इस मायावती ने कहा कि मैं तुम्हारे खिलाफ कार्यवाही करूंगी। सिद्दीकी ने कहा कि मायावती ने मेरे और मेरे बेटे पर झूठे आरोप लगाये। मेरे ऊपर अनर्गल आरोप लगाये। उनके मुताबिक, तथ्यों को छिपाकर, झूठ फरेब का सहारा लेकर मेरे, बेटे और साथियों पर की गलत कार्रवाई की गई। चुनाव के नतीजे आने के बाद उन्होंने मुझे दिल्ली बुलाकर पूछा कि आखिरकार मुसलमानों ने बीएसपी को वोट क्यों नहीं दिया। मैंने कहा जब सपा और कांग्रेस का गठबंधन नहीं हुआ था तब मुस्लिम वोट बीएसपी के पक्ष में था, लेकिन उसके बाद बंट गया।  ऐसा नहीं है कि हमें मुसलमानों को वोट नहीं मिला, लेकिन हां समर्थन कम मिला है। इस जवाब पर उन्होंने मुझे भी गाली दी और कहा कि मैं उन्हें मूर्ख बना रहा हूं।

उन्होंने कहा कि सतीश चन्द्र मिश्रा और उनके दामाद की तलाशी क्यों नहीं ली जाती है। सतीश मिश्रा ने इस पार्टी को तबाही की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। मिश्रा जी 2003 से पार्टी में हैं और मैं उनसे 20 साल पहले 1983 से पार्टी में हूं। मैं यहां तक कह दूं कि मायावती मुझे मरवा भी सकती हैं। उनके पास कई गिरोह हैं। उनके खिलाफ जो बोले उसके घर मे आग लगवा देंगी। उनके हर गिरोह के सरगना से लेकर एक एक को जानता हूं। सिद्दीकी ने बयान में कहा है, ‘मैं समझता हूं कि इस निष्कासन से मेरे व मेरे परिवार की और मेरे सहयोगियों की बहुजन समाज पार्टी में 34-35 साल की कुबार्नी का सिला मुझे दिया गया है।

मैंने इस मिशन के लिए और मायावती के लिए खासतौर पर इतनी कुबार्नी दी है, जिसकी मैं गिनती नहीं कर सकता।’ नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया, ‘मायावती, उनके भाई आनंद कुमार और सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा अवैध रूप से, अनैतिक रूप से और मानवता से परे कई बार ऐसी मांगें की गईं, जो मेरे बस में नहीं थीं. कई बार मुझे मानसिक प्रताड़ना दी गई, टार्चर किया गया। जिसके पुख्ता प्रमाण मेरे पास हैं। नसीमुद्दीन ने कहा, ‘2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव और 2012 व 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मायावती की गलत नीतियों के कारण सफलता नहीं मिली। उन्होंने मुसलमानों पर गलत झूठे आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ‘2017 के चुनाव से काफी पहले से मैंने पार्टी के लिए जो प्रयास किए, उसी का नतीजा था कि बसपा को 22 प्रतिशत से अधिक वोट मिले। नहीं तो स्थिति और बदतर होती. शिकस्त के बाद मायवती ने मुझे बुलाया और अपर कास्ट, बैकवर्ड को बुरा-भला कहने के साथ ही खासतौर पर मुसलमानों के लिए अपशब्द कहे, जिसका मैंने विरोध किया था।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही खास बातें

चुनावों में हार के बारे में पूछा तो मैंने मायावती को घोषणापत्र जारी करने की सलाह दी थी।

हार का एक कारण मैंने उन्हें बताया था कि आपने मंच से किसी प्रत्याशी के लिए वोट नहीं मांगा।

मैंने यह भी कहा कि आप लोगों से मिलती नहीं है, आपको लोगों से मिलना चाहिए।

आपकी सुरक्षा का मैंने हमेशा ख्याल रखा, लेकिन जो अब हो रहा है वो कभी नहीं हुआ।

आप पैन, घड़ी सब रखवा लेती हैं, सतीश चंद्र मिश्रा की गाड़ी के लिए तुरंत गेट खुल जाता।

तलाशी हो रही है तो सबकी होनी चाहिए, मायावती नेताओं में भेदभाव करती हैं।

मायावती के अब राज्यसभा की सांसद बनने के भी लाले।

मायावती खुद चाहती हैं कि पार्टी खत्म हो जाए ताकि कोई और पार्टी में खड़ा न हो पाए।

मायावती नहीं चाहतीं कि कोई और दलित चेहरा सीएम बने।

मुझे गलती बताए बिना सजा सुना दी गई।

मायावती ने मेरा पक्ष सुने बिना ही सजा सुना दी।

मैंने कौन सी पार्टी विरोधी गतिविधियां की बताओ तो सही।

हर राज खोल दूं तो आ जाएगा भूचाल

ताज कॉरीडोर मामले में मेरी और मायावती की संपत्ति की जांच हुई।

मेरे खिलाफ कोई गड़बड़ी नहीं मिली, जबकि मायावती की संपत्ति के मामले में जालसाजी मिली।

सतीश मिश्रा, मायावती और आनंद कुमार की संपत्ति के बारे में मेरे पास 32 साल का जानकारी है।

अगर खोल दूंगा तो भारत क्या पूरी दुनिया में भूचाल आ जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि सुश्री ने क्या-क्या साजिश रची थी

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