Friday, March 29, 2024
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एक-एक कर झील में रहस्यमयी ढंग से डूबे तीन दोस्त

SI News Today

सूरजकुंड के पास बुधवार को घूमने गए दिल्ली के तीन युवक रहस्यमय तरीके से कृत्रिम झील में डूब गए। मौके पर पहुंची पुलिस और दमकल के जवान अंधेरा होने तक तीनों की तलाश करते रहे लेकिन सफलता नहीं मिली। सूरजकुंड के एसएचओ इंस्पेक्टर पंकज कुमार के मुताबिक बृहस्पतिवार सुबह फिर तीनों युवकों की तलाश की जाएगी।
पुलिस ने बताया कि संगम विहार दिल्ली के रहने वाले ऋषि गुप्ता, पवन गुप्ता, मिलन गुप्ता और अंकित गुप्ता सहित सात दोस्त बुधवार शाम सूरजकुंड इलाके में कृत्रिम झीलों के किनारे घूमने आए थे।

अंकित गुप्ता के मुताबिक सभी दोस्त झील के किनारे खड़े होकर पानी उछाल रहे थे। इसी दौरान ऋषि गुप्ता पानी में उतर गया। पैर फिसलने की वजह से वह पानी में डूबने लगा। उसे डूबता देख पवन ने हाथ बढ़ाकर पकड़ने की कोशिश की और वह भी डूबने लगा। उन्हें बचाने मिलन आगे बढ़ा और वह भी डूबने लगा। कुछ सेकेंड में ही तीनों पानी में समा गए।
बृहस्पतिवार सुबह तीनों की खोज दोबारा शुरू की जाएगी
सूरजकुंड की कृत्र‌‌िम झीलPC: अमर उजाला
अंकित ने तुरंत ही 100 नंबर पर घटना की सूचना दी। सूचना मिलते ही मौके पर सूरजकुंड पुलिस और फायर ब्रिगेड के गोताखोर पहुंचे और तीनों की तलाश शुरू कर दी। करीब ढाई घंटे की मेहनत के बावजूद गोताखोर पवन, ऋषि और मिलन को नहीं खोज सके।

अंधेरा होने पर गोताखोरों ने तलाशी अभियान रोक दिया। इसके बाद बृहस्पतिवार सुबह तीनों की खोज दोबारा शुरू की जाएगी। पुलिस के मुताबिक इन युवकों की उम्र 25 से 35 साल के बीच है।

चेतावनी के बावजूद नहीं मानते लोग
सूरजकुंड थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने बताया कि अरावली की पहाड़ियों में खनन के कारण बने कई सौ फुट गहरे गड्ढे में पानी भरने से कृत्रिम झीलें बन गई हैं। खड़ा कटाव होने की वजह से इन झीलों में डूबने की आशंका रहती है। यही वजह है कि प्रशासन की ओर से जगह जगह चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। इसे डेथ वैली घोषित कर झीलों मेें नहाने, तैरने या किसी भी तरह के खेल की पाबंदी लगाई गई है।
चेतावनी के बावजूद नहीं मानते लोग
कृत्र‌िम झीलPC: अमर उजाला
सूरजकुंड थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने बताया कि अरावली की पहाडिय़ों में खनन से हुए कई सौ फिट गहरे गड्ढों में पानी भरने से कृत्रिम झीलें बन गई हैं। खड़ा कटाव होने की वजह से इन झीलों डूबने की आशंका बहुत ज्यादा है।

यही वजह है कि प्रशासन की ओर से जगह जगह चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। इसे डेथ वैली घोषित कर झीलों में नहाने, तैरने या किसी भी तरह के खेल की पाबंदी लगाई गई है बावजूद इसके लोग यहां आते हैं और अपनी जान गंवाते हैं। इन झीलों में हर साल गर्मियों में लोग मौत का शिकार होते हैं।

खतरनाक है डेथ वैली
13 अप्रैल 2017- सिरोही स्थित कृत्रिम झील पर गए बीसीए स्टूडेंट अय्यूब की सेल्फी लेते समय पानी में डूबने से मौत हुई।
31 मई 2016 – ओखला फेस-2 निवासी ङ्क्षपटू की डेथ वैली में डूबने से हुई।
08 मई 2016 – भीकम कॉलोनी के करण की बड़वाली झील में डूबने से मौत हुई थी।
29 फरवरी 2016- कृत्रिम झील में डूबने से द्वारका दिल्ली के रहने वाले तन्मय मिश्रा की मौत हो गई।
22 जुलाई 2015- दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी में बी टेक स्टूडेंट की झील में डूबने से मौत हुई।
03 जून 2015- कृत्रिम झील में नहाते समय डूबने से विक्की कोहली की मौत हुई।
19 जून 2015 – गुरुकुल इंद्रप्रस्थ के समीप दो दोस्तों के साथ नहाने आए दसवीं क्लास स्टूडेंट की पानी में डूबने से मौत हुई।
15 मई 2015 – बड़वाली झील में डूबकर एक युवक की मौत हो गई थी।
29 मार्च 2014- रेडियो जॉकी अभय की सूरजकुंड झील में डूबने से मौत।
24 मार्च 2014 – तीन छात्र राघव, रवि और पंकज शर्मा खोरी-जमालपुर वाली झील में डूबे।

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