Friday, April 19, 2024
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GST पास होने के बाद छोटी गाड़ियां होंगी सस्ती, मोबाइल बिल हो सकता है महंगा

SI News Today

लखनऊ.यूपी विधानसभा में मंगलवार को GST बिल पास हो गया। बिल पास होने के बाद आम लोगों की जिन्दगी पर इसका क्या फर्क पड़ेगा, कौन सी चीजें सस्ती और कौन सी चीजें महंगी हो सकती है। । इस दौरान जीएसटी और इससे जुड़ी अन्य पहलुओं के बारे में जानने की कोशिश की।
क्या है GST?
-GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स है। इसको केंद्र और राज्‍यों के 17 से ज्‍यादा इनडायरेक्‍ट टैक्‍स के बदले में लागू किया जाएगा। ये एक ऐसा टैक्‍स है, जिसे देश भर में किसी भी गुड्स या सर्विसेज की मैन्‍युफैक्‍चरिंग, बिक्री और इस्‍तेमाल पर लागू होगा।
– इसके लागू होने के बाद से एक्‍साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), राज्य स्तर पर सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फी, टर्नओवर टैक्स, बिजली के उपयोग या बिक्री पर लगने वाले टैक्स, गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाला टैक्स आदि खत्म हो जाएंगे।
– सरल शब्‍दों में कहें ताे जीएसटी पूरे देश के लिए इनडायरेक्‍ट टैक्‍स है, जो भारत को एक समान बाजार बनाएगा। जीएसटी लागू होने पर सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स एक ही कीमत पर मिलेंगे। अभी एक ही चीज के लिए दो राज्यों में अलग-अलग कीमत चुकानी पड़ती है। इसकी वजह अलग-अलग राज्यों में लगने वाले टैक्स हैं। इसके लागू होने के बाद देश बहुत हद तक सिंगल मार्केट बन जाएगा।
तीन तरह से होंगे टैक्स
#सीजीएसटी यानी सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स:इसमें केंद्र सरकार की तरफ से लगाए जाने वाले टैक्स जिसमें सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, स्पेशल एडिशनल कस्टम ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स के साथ कई तरह के सरचार्ज और सेस शामिल होंगे।
#एसजीएसटी यानि स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स:इसमें राज्य सरकार की तरफ से लगने वाले टैक्स जैसे वैट, इंट्री टैक्स, लग्जरी टैक्स, परचेज टैक्स, इसी तरह सेस और सरचार्ज शामिल होंगे।
#आईजीएसटी यानी इंटिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स:इसमें दो राज्यों के बीच होने वाले व्यापर पर टैक्स लगेगा। इसमें केंद्र सरकार टैक्स वसूल करेगी और जिन दो राज्यों में व्यापार होगा उनमें यह टैक्स बराबर अनुपात में बांट दिया जाएगा।
17 से ज्यादा टैक्स की जगह लगेगा एक टैक्स
-जीएसटी लागू होने के बाद सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, वैट, सेल्स टैक्स, सेन्ट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन टैक्स, इंट्री टैक्स, परचेज टैक्स, लग्जरी टैक्स के साथ कई तरह के सरचार्ज और सेस जैसे टैक्स खत्म हो जाएंगे।
अनाज पर टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन प्रोडक्ट पर लगेगा
-अनाज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसलिए अनाज की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा। जैसे गेंहू, दाल, चावल आदि। लेकिन जैसे ही गेंहू फैक्ट्री में जाकर आटा बनकर ब्रेड बनकर मार्केट में आएगा, इस पर जीएसटी टैक्स लगेगा।
छोटी गाड़ियां सस्ती हो जाएंगी
-जैसे एक छोटी कार जब फैक्ट्री में बनती है तो उसकी कीमत 2 लाख रुपए होती है। अगर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी टैक्स 10 फ़ीसदी है तो फैक्ट्री से कार निकलते ही उसकी कीमत 2 लाख 20 हजार की हो जाएगी।
-अब यही कार इंट्री टैक्स देकर दूसरे राज्य में जाती है तो 5 फीसदी की दर से टैक्स लगने के बाद कार की कीमत 2 लाख 30 हजार हो जाएगी।
-फिर राज्य सरकार उस पर वैट लगाएगी, जो लगभग साढ़े 12 फीसदी होता है। इसके बाद कार की कीमत 2 लाख 58 हजार 750 रुपए हो जाएगी।
-इसके बाद रोड टैक्स देना होगा, जोकि लगभग 8 फीसदी होता है। इससे कार की कीमत करीब करीब 2 लाख 70 हजार तक पहुंच जाएगी।
-जब जीएसटी लागू होगा तो सिर्फ 18 फीसदी टैक्स देना होगा। इसके अलावा रोड टैक्स देना होगा। ऐसे में कार की कीमत 2 लाख 52 हजार होगी और आम जनता को लगभग 18 हजार रुपए का फायदा होगा।
हवाई सफर से लेकर मोबाइल बिल तक हो सकता है महंगा
-सब तरह की सर्विसेज जैसे मोबाइल बिल, हवाई सफर, होटल में खाना, ब्यूटी पार्लर, ड्राई क्लीनिंग जैसी सेवाओं पर सर्विस टैक्स लगता है। करीब ऐसी 100 से ज्यादा सेवाएं हैं जिस पर सर्विस टैक्स लगता है, जोकि अभी 15 फीसदी है। अगर जीएसटी के लिए 18 फीसदी टैक्स तय होता है तो यह सब महंगा हो जाएगा।
दुकानों का रज‍िस्ट्रेशन कराना होगा अन‍िवार्य
– GST असिस्टेंट कमिश्नर देवेश तिवारी ने बताया, ”GST बिल लागू होने के बाद व्यापरियों को टैक्स और दूसरे कामों के लिए डिपार्टमेंट के चक्कर नहीं लगाने होंगे। सब कुछ ऑनलाइन होगा।”
– ”बिल पास होने के बाद व्यापरियों को सबसे पहले तो अपनी दुकानों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।”
– ”इसके बाद उन्हें 15 डिजिट का एक प्रोविजनल आईडी नंबर जारी किया जाएगा। ये उनकी पहचान होगी।”
– ”अगर व्यापारी किसी कस्टमर को कोई भी सामान बेचता है तो उसे पक्की रसीद देनी होगी। उसका रिकॉर्ड अपने पास रखना होगा।”
– ”बिक्री की पूरी जानकारी सरकार को देनी होगी। इनकम टैक्स की तरह यहां पर भी रिटर्न दाखिल करने की सुविधा मिलेगी।”
ये नहीं करना होगा
– कमिश्नर देवेश तिवारी के मुताबिक, ”होलसेलर और रिटेलर को बिक्री और खरीदारी से जुड़ी अलग-अलग पर्ची रखने की जरूरत नहीं होगी। एक ही पर्ची से टैक्स की पूरी जानकारी मिल जाएगी।”
– ”व्यापारियों को अपना रिकॉर्ड मेन्टेन करने के लिए अलग-अलग स्टाफ रखने की जरुरत नहीं होगी। एक कम्प्यूटर ऑपरेटर से काम चल जाएगा।”
– ”टैक्स जमा करने के लिए अब रोजाना डिपार्टमेंट के चक्कर नहीं लगाने होंगे। घर बैठे ही ऑनलाइन टैक्स जमा कर पाएंगे।”
– ”कोई भी अफसर अब किसी भी व्यापारी से टैक्स में छूट दिलाने के नाम पर वसूली नहीं कर पाएगा।”
इस बिल के पास होने के मायने
– 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने की उम्मीद है।
– वन नेशन-वन टैक्स की 17 साल से जारी टैक्स रिफॉर्म की कोशिश कामयाब होगी। सबसे पहले वाजपेयी सरकार ने 2000 में जीएसटी के बारे में सोचा था।
– 20 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स खत्म होंगे। ये देश के लिए ऐतिहासिक होगा।
जीएसटी की कितनी होगी कुल दर?
– इस पर अभी आम सहमति नहीं बन पाई है। राज्य 27 फीसद से ज्यादा जीएसटी चाहते हैं। लेकिन केंद्र का कहना है कि इससे ज्यादा दर तय की गई, तो प्रोडक्ट्स और सर्विसेस महंगी हो जाएंगी।
सवाल-जवाब में जानें, जीएसटी से आपको क्या मिलेगा?
1# आखिर क्या हो जाएगा जीएसटी से?
– जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स। इसे केंद्र और राज्यों के 20 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले लगाया जा रहा है। जीएसटी के बाद एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम, वैट/सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स, लग्जरी जैसे टैक्स खत्म होंगे।
2# इससे मुझे यानी आम लोगों को क्या फायदा?
– टैक्सों का जाल और रेट कम होगा: अभी हम अलग-अलग सामान पर 30 से 35% टैक्स देते हैं। जीएसटी में कम टैक्स लगेगा।
– एक देश, एक टैक्स: सभी राज्यों में सभी सामान एक कीमत पर मिलेगा। अभी एक ही चीज दो राज्यों में अलग-अलग दाम पर बिकती है, क्योंकि राज्य अपने हिसाब से टैक्स लगाते हैं।
3# जीएसटी अब तक अटका क्यों था?
– 17 साल पहले वाजपेयी सरकार ने इसकी नींव रखी थी। पर मेजॉरिटी ना होने के कारण यह टलता रहा।
– 2009 में यूपीए ने कोशिश की। ज्यादातर राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारें थीं। सभी नुकसान की भरपाई पर अड़ी थीं। अब केंद्र और ज्यादातर राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं।
4# दुनिया में 5 से 25% तक है जीएसटी
– जीएसटी 150 देशों में लागू हो चुका है। लेकिन रेट अलग-अलग हैं।
– जापान में 5%, सिंगापुर में 7%, जर्मनी में 19%, फ्रांस में 19.6% है।
– स्वीडन में 25%, ऑस्ट्रेलिया में 10%, कनाडा में 5%, न्यूजीलैंड में 15% और पाकिस्तान में 18% तक है।
5# क्या है इससे जुड़ा इंटरेस्टिंग फैक्ट?
– यह एक फैक्ट है कि पूरी दुनिया में जीएसटी लागू करने के बाद हुए चुनावों में कोई भी सरकार दोबारा नहीं चुनी गई है।
– क्यों: शुरुआती वर्षों में कुछ चीजें महंगी हो जाती हैं। इसका खमियाजा सरकार को भुगतना पड़ता है।

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