Thursday, March 28, 2024
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दिल्ली की हरियाली खत्म हुई तो रेगिस्तान बन जाएगी

SI News Today

दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि अगर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हरियाली और वन भूमि गैरकानूनी निर्माण और अतिक्रमण का शिकार होती है तो दिल्ली रेगिस्तान में बदल सकती है। अदालत ने कहा कि पर्यावरण का मुद्दा चिंता का विषय है और ग्लोबल वार्मिंग के प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखते हुए इससे युद्ध स्तर पर निपटने की जरूरत है।
दक्षिणी दिल्ली के नेब सराय में वन भूमि में कथित अतिक्रमण के विरोध में दाखिल की गई याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की एक पीठ ने कहा, ‘शहर रेगिस्तान बनने के खतरे की कगार पर है। हरियाली खत्म होने से शहर सबसे ज्यादा इस खतरे को झेल रहा है।’ याचिका जंगल से गुजरने वाली एक सड़क को बंद करने के लिए डाली गई थी। इस सड़क का निर्माण आपातकालीन गाड़ियों को इंदिरा एन्क्लेव तक पहुंचने के लिए किया गया था।

यह एक अनधिकृत कालोनी है। वन से गुजरने वाली इस सड़क को अदालत ने मंजूरी नहीं दी थी। यह सड़क शहर के रिज क्षेत्र में आती है। अदालत ने कहा, ‘आप अनधिकृत कालोनी बनाने के बाद सभी तरह के लाभों की मांग नहीं कर सकते हैं।’ अदालत ने कहा, ‘वन भूमि मार्ग में नहीं बदली जा सकती क्योंकि यह मास्टर प्लान के नियोजित विकास से साफ तौर पर ऊपर है।’ दिल्ली सरकार का पक्ष रख रहे गौतम नारायण ने कहा कि वन के उपसंरक्षक के कार्यालय ने सड़क को बंद करने और अतिक्रमण से बचाने के लिए सीमारेखा वनक्षेत्र में एक दीवार निर्माण का भी आदेश दिया है। पीठ ने निर्देश दिया है कि संबंधित जगह वनभूमि के तौर पर ही रहेगी। अदालत ने कहा है कि सड़क निर्माण संबंधी किसी भी तरह के अतिक्रमण और निर्माण की अनुमति नहीं है। अदालत ने दीवार का निर्माण दो महीने के भीतर कराने का निर्देश दिया है और इससे संबंधित रिपोर्ट को 31 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई से पहले दायर करने को कहा है।

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