Thursday, April 25, 2024
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चंद्रास्‍वामी अब नहीं रहे, आज निधन हुआ

SI News Today

व‍िवादास्‍पद तांत्र‍िक चंद्रास्‍वामी का 66 साल की उम्र में 23 मई, 2017 को न‍िधन हो गया। एक समय वह ज‍ितना चर्च‍ित व व‍िवाद‍ित रहे, उनका अंत‍िम समय उतने ही गुमनाम तरीके से बीता। नरस‍िंह राव के जमाने में चंद्रास्‍वामी की तरक्‍की का सफर शुरू हुआ था। हालांक‍ि, प‍िछले कई सालों से वह पूरी तरह सीन से गायब थे। अच्‍छे द‍िनों में उनके भक्‍तों की संख्‍या अच्‍छी-खासी थी। बताया जाता है क‍ि उनकी पहुंच लंदन तक थी और वह तत्‍कालीन ब्रि‍टिश प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर से भी उनके यहां जाकर मि‍ल चुके थे।चंद्रास्‍वामी पर कई इल्‍जाम लगे। राजीव गांधी की हत्‍या में भी उनका नाम आया। आरोप लगा क‍ि राजीव गांधी हत्याकांड के अभियुक्तों की उन्‍होंने मदद की। सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के लिए मिलाप चंद्र जैन की अगुआई में आयोग बनाया था। आयोग ने करीब छह सौ पन्नों की र‍िपोर्ट दी। इसमें चंद्रास्वामी पर स्‍पष्‍ट अंगुली उठी। कहा गया क‍ि चंद्रास्‍वामी ने राजीव गांधी की हत्या का षडयंत्र रचने वाले शिवरासन की मदद की। हत्या के बाद उनके द्वारा शिवरासन को विदेश भेजने का इंतजाम करवाने की बात भी कही गई। हालांकि यह रिपोर्ट अदालत में कहीं नहीं ट‍िकी।

चंद्रास्‍वामी का नाम अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के साथ भी जुड़ता रहा। दाऊद के गुर्गे बबलू श्रीवास्तव को प्रत्यर्पण के जरिए 1995 में नेपाल से भारत लाया गया था। बताया जाता है क‍ि उसी ने सीबीआई को दाऊद और चंद्रास्‍वामी के संबंधों के बारे में बताया था। इसके बाद चंद्रास्वामी के खिलाफ विदेशी मुद्रा कानून उल्लंघन समेत कई मामलों की जांच शुरू हो गई थी।

1995 में 21 स‍ितंबर को जब पूरे देश में गणेश भगवान की प्रत‍िमा द्वारा दूध पीने की खबर आग की तरह फैली और लोग मंद‍िरों में गणेश जी को दूध प‍िलाने के लि‍ए टूट पड़े, तब क‍िसी ने नहीं सोचा क‍ि यह अफवाह कहां से फैली। पर कहा जाता है क‍ि इसके पीछे भी चंद्रास्‍वामी का ही शात‍िर द‍िमाग था।

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