Saturday, April 20, 2024
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दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए ऐसे कैलकुलेट करें अपना ‘बेस्ट 4’ का स्कोर

SI News Today

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) के 12वीं के नतीजे आ गए हैं। अच्छे नंबर हासिल कर कोई जश्न मना रहा है, तो कहीं मिठाइयां बंट रही हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि 12वीं के रिजल्ट आने के बाद स्टूडेंट्स की टेंशन कम हो गई।

सीबीएसई रिजल्ट्स के बाद अब डीयू की दौड़ शुरू होने वाली है। जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं दिल्ली यूनिवर्सिटी में होने वाले दाखिलों की। बहुतेरे स्टूडेंट्स दिल्ली के टॉप कॉलेजों में पढ़ने की ख्वाहिश रखते हैं, लेकिन कॉलेज की गगनचुंबी मेरिट के हिसाब से दाखिला नहीं ले पाते। कारण यूनिवर्सिटी का ओवरऑल स्कोर को तवज्जो न देना होता है।

ऐसे में ‘बेस्ट 4’ स्कोर काम आता है। बेस्ट 4 यानी आपके वे चार सब्जेक्ट्स, जिनमें आपने सबसे अच्छे नंबर हासिल किए हैं। तो आइए जानते हैं कैसे किया जाता बेस्ट 4 सब्जेक्ट्स के नंबरों को कैलकुलेट-

-बीए (ऑनर्स) के लिए
1.एक भाषा, जो आपकी कोर, इलेक्टिव या फंक्शनल सब्जेक्ट रही हो।
2.जिस सब्जेक्ट के लिए आप अप्लाई कर रहे हों। अगर आप उसे बेस्ट 4 के लिए नहीं चुनते, तो आपको 2 फीसद तक का नुकसान हो सकता है।
3.लिस्ट ए में से दो सब्जेक्ट

-बीकॉम (ऑनर्स) के लिए
1. यहां भी एक ऐसी भाषा, जो आपका कोर, इलेक्टिव या फिर फंक्शनल सब्जेक्ट रही हो।
2.कॉमर्स/अकाउंटेंसी में पास होना जरूरी है।
3.लिस्ट ए में से दो सब्जेक्ट।

-बीएससी (ऑनर्स) के लिए

1.साइंस से जुड़े (फिजिक्स-केमिस्ट्री, मैथ, फिजिक्स केमिस्ट्री-मैथ-बायोलॉजी या फिजिक्स केमिस्ट्री-बायोलॉजी के साथ) सब्जेक्ट के थ्योरी एग्ज़ाम में उम्मीदवार ने कम से कम 70 फीसद नंबर हासिल किए हों (इंटरनल एसेसमेंट जैसी चीज़ों को छोड़कर)।
2.मैथमैटिकल साइंस, कोर साइंस और होम साइंस जैसे सब्जेक्ट्स में दाखिले के लिए कई सालों से वही पुराने नियम चले आ रहे हैं।

बीए (पास) या बीकॉम (पास) के लिए
1.एक भाषा (कोर, इलेक्टिव या फंक्शनल सब्जेक्ट में से कोई भी)
2.लिस्ट ए में से कोई भी इलेक्टिव सब्जेक्ट्स

ये भी जानना है जरूरी
1.बीए (ऑनर्स) सोशल वर्क के लिए इच्छुक स्टूडेंट को एक भाषा और लिस्ट ए में से तीन इलेक्टिव सब्जेक्ट शामिल करें।
2.बीए(ऑनर्स) इकनॉमिक्स और कॉमर्स कोर्सेज़ के लिए मैथ में पास होना ज़रूरी है।
3.बीएससी (ऑनर्स) कंप्यूटर साइंस में दाखिला पाने के लिए कंप्यूटर साइंस जैसी इंफॉर्मेशन प्रैक्टिस होनी चाहिए।
4.जर्नलिज़्म, अप्लाइड सायकोलॉजी और हिंदी पत्रकारिता सरीखे ऑनर्स कोर्सेज़ के लिए इंग्लिश, सायकोलॉजी और हिंदी वाले दिशा-निर्देश लागू होंगे।

लिस्ट एः एक नज़र में
लिस्ट ए में यूनिवर्सिटी के अंडरग्रेजुएट कोर्स में शामिल होने वाले सब्जेक्ट्स होते हैं। इनमें 70 फीसद थ्योरी होती है और 30 फीसद प्रैक्टिकल। अरेबिक, फ्रेंच, मैथ्स, पंजाबी, बंगाली, जियोग्राफी, म्यूज़िक, संस्कृत, बॉटनी, जियोलॉजी, पर्शियन, सोशियोलॉजी, केमिस्ट्री, जर्मन, फिलॉसफी, स्पेशिन, कॉमर्स/अकाउंटेंसी, हिंदी फिज़िकल एजुकेशन, स्टैटिस्टिक्स, कंप्यूटर साइंस, हिस्ट्री, फिज़िक्स, उर्दू, इकनॉमिक्स, होम साइंस, पॉलिटिकल साइंस, जू़लॉजी, इंग्लिश, सायकोलॉजी और लीगल स्टडीज़ जैसे सब्जेक्ट्स इस लिस्ट में होते हैं।

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