हिज्बुल मुजाहिद्दीन के मारा गया कमांडर सबजार अहमद भट भारतीय सेना का सामना होने पर बुरी तरह डर गया था। जान बचान के लिए सबजार ने “पत्थरबाजों” को कई मैसेज कई। हिज्बुल में बुरहानी वानी की जगह लेने वाला सबजार शनिवार (27 मई) को कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों से हुई मुठभेड़ में मारा गया। सबजार भी बुरहानी वानी की तरह अक्सर सोशल मीडिया पर आधुनिक हथियारों के साथ तस्वीरें शेयर किया करता था। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मेल टुडे अखबार को बताया कि 27 वर्षीय सबजार करीब 10 घंटे तक एक भी गोली चलाए बिना दुबका रहा।
रिपोर्ट में सैन्य अधिकारी के हवाले से दावा किया गया है कि सबजार सुरक्षा बलों से घिरने के बाद बहुत ज्यादा घबरा गया था और पत्थरबाजों को ताबड़तोड़ मैसेज भेज रहा था कि वो मुठभेड़ की जगह पहुंचकर उसे बचा सकें। कश्मीर में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ के समय भीड़ द्वारा पत्थरबाजी करके उग्रवादियों की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।
रिपोर्ट के अनुसार सबजार और फैजान नामक उग्रवादी पुलवामा के त्राल इलाके स्थित गांव सैमू में छिपे हुए थे। भारतीय सुरक्षा बलों ने शुक्रवार (26 मई) को सैमू गांव स्थित उसके ठिकाने को घेर लिया। रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षाबलों के दस्ते में सेना, स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शामिल थे।
सबजार और फैजान के ठिकाने से सुरक्षा बलों को एके-47 और इंसास रायफलों के साथ ही भारी मात्रा में हथियार मिले। सेना के सूत्र के अनुसार हथियारों के जखीरे को देखकर ऐसा लगा जैसे उन्होंने युद्ध की तैयारी कर रखी हो। रिपोर्ट के अनुसार सबजार और फैजान दोनों ही ए कैटेगरी के उग्रवादी थे। सुरक्षा बलों ने दोनों उग्रवादियों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन दोनों ने न तो संपर्क किया और न ही किसी तरह का जवाबी फायर किया।
सुरक्षा बलों ने सबजार को उसके ठिकाने से निकालने के लिए फायरब्रिगेड को बुलाकर उनके ठिकाने में पानी की जगह पेट्रोल भरवाकर उन्हें बाहर निकलने पर मजबूर करने की कोशिश की। सुरक्षा बलों ने एक के बाद दो घरों में पेट्रोल डलवाकर आग लगायी लेकिन सबजार और उसके साथी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की। लेकिन जब तीसरे घर में पेट्रोल डालकर आग लगाई गई तो दोनों भादने की कोशिश करने लगे। सबजार गोली चला पाता इससे पहले ही उसे सुरक्षा बलों की गोली लग गई और वो ढेर हो गया।
सेना के सूत्रों ने मेल टुडे को बताया कि सातवीं फेल सबजार को “लड़कीबाज” था और उसे नशे की भी लत थी। वो दो साल पहले हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल हुआ था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सरताज नामक उग्रवादी की कॉल डीटेल को फॉलो करके सबजार की स्थिति पता की थी।