Saturday, April 20, 2024
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’23 साल में मानव अधिकार हनन के 66 आरोप ही पाए गए सही’

SI News Today

भारतीय सेना ने दावा किया है कि मानव अधिकार हनन के मामले में उसका रिकॉर्ड में पूरी दुनिया में सबसे अच्छा है। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना ने दावा किया है कि 1994 से अब तक उस पर मानव अधिकार हनन के 1736 के आरोप लगे जिनमें से केवल 66 ही सही पाए गए। भारतीय सेना के अनुसार इन 66 मामलों में 150 भारतीय सैनिकों को सजा हुई और 49 मामलों में पीड़ितों को हर्जाना भी दिया गया।

भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टीओआई से कहा कि भारतीय सेना का रिकॉर्ड पूरी दुनिया में सबसे अच्छा है और इस बात की पूरी दुनिया तारीफ करती है। हाल ही में भारतीय सेना के मेजर नितिन लीतुल गोगोई द्वारा कश्मीरी नौजवान फारूक डार को जीप के आगे ढाल बनाकर बांधने का वीडियो सामने आने से जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा मानवाधिकार हनन का मामला सुर्खियों में आ गया है।

भारतीय सेना के अधिकारी ने टीओआई को बताया कि भारतीय सेना को 1994 से अप्रैल 2017 तक जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में सेना द्वारा मानवाधिकार हनन की कुल 1736 शिकायतें मिलीं। इनमें 1695 मामलों की अब तक जांच  हुई है जिनमें से 41 की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। जांच के बाद इनमें से 1629 को गलत या निराधार पाया गया। 66 आरोप सही पाए गए। सुरक्षा बलों के 150 जवानों को सजा दी गयी। 49 मामलों में पीड़ितों को हर्जाना भी दिया गया।

भारतीय सेना के प्रमुख बिपिन रावत ने हाल ही में मेजर गोगोई को सम्मानित किया था। भारतीय सेना प्रमुख रावत ने गोगोई को बचाव करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर की विकट परिस्थितियों में सेना को “रचनात्मक” उपाय खोजने पड़ते हैं। मेजर गोगोई ने अपने बचाव में कहा था कि उन्होंने बम फेंक रहे लोगों से अपने साथियों की जान बचाने के लिए फारूक को मानव-ढाल बनाया था।

वहीं जीप के आगे बांधे गए फारूक डार ने कहा कि जीप से बांधे जाने पर उन्हें ऐसा लगा जैसे वो कोई जानवर हों। फारूक डार ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा था कि इस वाकये से पहले वो हर चुनाव में वोट देते थे और उनका उग्रवादियों या पत्थरबाजों से कोई वास्ता नहीं था।

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