दिल्ली सचिवालय की तीसरी मंजिल राज्य के मुख्यमंत्री के लिए एक अहम जगह होती लेकिन अब यह सूरत बदलने जा रही है। हाल ही में भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर दिल्ली मुख्यमंत्री कार्यालय के दो आईएएस अफ्सरों को सस्पेंड किया गया था। वहीं बाकी के तीन अधिकारियों का भी ट्रांस्फर हो सकता है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम ऑफिस अब जल्द ही बिना अफसर के रह जाएगा। इसके बाद सीएमओ में महज चार अफसर ही अरविंद केजरीवाल के स्टाफ में रह जाएंगे लेकिन वे भी नौकरशाहों नहीं होंगे। ऐसे में सरकार के एक स्पोक्सपर्सन ने कहा है कि सीएमओ में जल्द ही कोई अफसर नहीं रहेगा।
बता दें जुलाई 2016 में आईएएस अफसर राजेंद्र कुमार और तरुण शर्मा को भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को लेकर गिरफ्तार किया गया था। दोनों पर अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोप लगे हैं। आरोप हैं कि दोनों ने अपने पद का इस्तेमाल कुछ फर्म्स को टेंडर दिलाने में किया था। राजेंद्र सीएमओ में प्रमुख सचिव और तरुण उपसचिव के पद पर नियुक्त थे। वहीं 2015 में सुकेश कुमार जैन को सीएमओ में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी का पदभार दिया गया था। जैन उस समय सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सिस के डायरेक्टर थे और वह वापिस अपने पुराने पद पर लौटना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक वह जल्द ही सीएमओ ऑफिस छोड़ना चाहते हैं।
ऐसे ही दीपक विरमानी को मार्च 2016 में केजरीवाल का अपर सचिव का बनाया गया था। वह दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन में लिमिटिड में जेनरल मैनेजर के पद पर थे और उन्होंने एक साल की स्टडी लीव लेने की अर्जी दी है। साथ ही गीता शर्मा को गृह मंत्रालय से ट्रांस्फर कर दिल्ली सरकार में अनधिकृत कालोनियों के विकास का इंचार्ज बनाया गया था। गीता शर्मा 1996 बैच की DANICS अफसर हैं। उनका ट्रांस्फर 2016 में राजेंद्र कुमार और तरुण शर्मा की गिरफ्तारी के बाद किया गया था। बता दें इस मुद्दे को लेकर दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकरा पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार दिल्ली को बर्बाद करना चाहती है।