Saturday, April 20, 2024
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फिल्मी है इनका वेडिंग ALBUM

SI News Today

लखनऊ. यूपीएससी एग्जाम- 2016 के फाइनल का रिजल्ट 31 मई 2016 को जारी हो गया। इसमें बरेली के डॉ. योगेश सागर की 223 वीं रैंक आई है। उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई लखनऊ के केजीएमयू से की है। इतना ही नहीं इसमें उनकी वाइफ डॉ. अवलोकिता अशोक सागर का भी सिलेक्शन हुआ है। उनकी 924वीं रैंक आई है। इस कपल की फेसबुक पर शादी की फोटोज किसी रोमांटिक फिल्म के सीन जैसी है।
बचपन में ही सिर से उठ गया था पिता का साया
डॉ योगेश ने बातचीत में बताया कि उनका जन्म बरेली शहर में 1988 में हुआ था। पिता कस्टम एंड सेंट्रल एक्साईज में कॉन्स्टेबल थे।
– घर में 6 भाई और 4 बहनें थीं। पिता की सैलरी से बड़ी मुश्किल से परिवार का खर्च चल पाता था। 1990 में पिता की डेथ हो गई, उस टाइम वो डेढ़ साल के थे।

आधे पेट खाकर स्कूल जाते थे पढ़ने
– पिता की डेथ के बाद घर का खर्च चलाने का जिम्मा बड़े भाई शैलेश सागर के ऊपर आ गया। वो उस टाइम आईवीआरआई बरेली में क्लर्क की पोस्ट पर कार्यरत थे।
– 2 हजार रुपए सैलरी मिलती थी। ये पैसे घर का खर्चा चलाने में ही खर्च हो जाते थे। भाई-बहनों की स्कूल की फीस हर महीने करीबियों से उधार लेकर भरनी पड़ती थी।
– घर में रोज एक टाइम का खाना बनता था। सब्जी की जगह चटनी खाते थे। आधे पेट खाना खाकर रोज स्कूल जाया करते थे।

लालटेन की रोशनी में पूरी की हाईस्कूल की पढ़ाई
– वो बताते हैं कि घर में लाइट नहीं लग पाई थी। लालटेन की रोशनी में हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करनी पड़ी।
– एक छोटा सा मकान था। उसमें एक चारपाई पर मम्मी-पापा और दूसरे पर हम 6 भाई बहन पैर सिकोड़कर सोते थे।
– 1997 में पहली बार घर में लाइट लगने के बाद खुशी के कारण घर के सभी लोग उस रात सो नहीं पाए थे।

पहले बने डॉक्टर फिर तय किया आईएएस बनने का सफर
– डॉ. योगेश ने 2004 में बरेली के राजकीय इंटर कॉलेज से हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी की है। 2005 में बिना कोचिंग के सीपीएमटी का एग्जाम दिया और फर्स्ट अटेम्प्ट में क्वालीफाई कर गए।
– 2006 में लखनऊ के केजीएमयू में एमबीबीएस में एडमिशन लिया। 2012 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का फैसला लिया।
– बड़े भाई रोहिताश्व सागर उस टाइम लखनऊ में कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज में क्लर्क थे। उन्होंने अपने क्वार्टर पर साथ रखकर सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए मोटिवेट किया।
– 2013 में वो दिल्ली चले आए और यहीं पर कमरा लेकर सिविल सर्विस की तैयारी करने लगे। 2014-15 में एग्जाम दिया और पहले बार में ही आईआरएस में सि‍लेक्ट हो गए। उसकी ट्रेनिंग नागपुर में अभी भी चल ही रही है।
– 2016-17 में दोबारा से सिविल सर्विस के एग्जाम में बैठे और आईएएस के लिए एग्जाम क्वालीफाई कर गए।

ऐसे बने एएसपी डॉ बीपी अशोक के दामाद
– डॉ.योगेश के बड़े भाई रोहिताश्व सागर के ऑफिस में एक इंस्पेक्टर हुआ करते थे। वे बसपा सरकार के दौरान एएसपी रहे डॉ. बीपी अशोक और रोहिताश्व दोनों के ही बेहद करीबी थे।
– उन्होंने ही डॉ. बीपी अशोक की बेटी अवलोकिता के रिश्ते के लिए डॉ योगेश का नाम बताया था। डॉ. बीपी अशोक पहली ही मुलाकात में योगेश से बहुत ज्यादा इंप्रेस हो गए।
– उन्होंने योगेश के घरवालों से रिश्ते के लिए अप्रोच किया। दोनों परिवार इस रिश्ते से खुश थे। 7 अप्रैल 2016 को योगेश और अवलोकिता की लखनऊ में शादी हो गई।

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