Thursday, March 28, 2024
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बिपिन रावत ने माना- रक्षा उत्पादन में निजी भागीदारी बड़ा कदम

SI News Today

रक्षा उत्पादन में अग्रणी निजी कंपनियों को शामिल करने के लिए सरकार के रणनीतिक साझेदारी माडल (एसपी माडल) की सैन्य प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह माडल सैन्य बलों के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देगा।  सेना प्रमुख ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘रणनीतिक साझेदारी माडल एक बड़ा कदम है। यह सैन्य बलों के आधुनिकीकरण में मदद देगा। हमें टैंकों को हटाने पर धीरे-धीरे विचार करना होगा।  सात से आठ साल में हमारी कुछ पुरानी प्रणालियों को बदलना होगा। इस प्रक्रिया को अभी शुरू करना अच्छा होगा क्योंकि उत्पादन के लिए आपको वक्त चाहिए होता है।’ जनरल रावत ने कहा कि एसपी माडल सेना के पुराने होते टैंकों और महत्त्वपूर्ण हथियारों के बेड़े को बदलने में कारगर साबित होगा। क्षेत्र के सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर सेना अपनी हथियार प्रणाली के आधुनिकीकरण पर जोर दे रही है। एसपी माडल के तहत सरकार भारत की निजी क्षेत्र की कंपनियां को रक्षा क्षेत्र की प्रमुख विदेशी कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम में भारत में लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, पनडुब्बियां और प्रमुख लड़ाकू टैंकों के निर्माण की इजाजत देगी। बाकी पेज 17 पर सरकार इस माडल पिछले हफ्ते ही लेकर आई है।

सेना के आधुनिकीकरण कार्यक्रम के संदर्भ में जनरल रावत ने इसकी प्रगति पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने अमेरिका से दो बेहद हल्की होवित्जर तोपों को लाने और डीआरडीओ की ओर से विकसित 155 एमएम की तोप धनुष का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, ‘आधुनिकीकरण कार्यक्रम तेजी से चल रहा है। यह रातोरात नहीं हो सकता, यह एक प्रक्रिया है।’ उन्होंने कहा कि तोपों का आधुनिकीकरण कार्यक्रम बहुत, बहुत अच्छा चल रहा है।बोफोर्स घोटाले के बाद से 30 साल के लंबे इंतजार के बाद सेना को पिछले ही महीने अमेरिका से दो हॉवित्जर तोपें मिली हैं। यह 145 लंबी दूरी तक प्रहार करने वाली तोपों की खरीद के आॅर्डर का हिस्सा है। जनरल रावत ने कहा कि एसपी माडल से नौसेना और वायुसेना को उल्लेखनीय रूप से फायदा पहुंचेगा। उन्होंने कहा, ‘आधुनिकीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जो लगातार चलती रहनी चाहिए और हर समय होती रहनी चाहिए। सेना में हमेशा ऐसा कोई ना कोई उपकरण होता ही है, जो प्रचलन से बाहर होने की स्थिति में होता है।’ सेना के लिए नई तकनीक की जरूरत के सवाल पर जनरल रावत ने कहा, ‘भविष्य की तकनीक आपको मिलती रहती है। भविष्य की तकनीकें फिर आज की तकनीक में बदल जाती हैं और फिर आज की तकनीक प्रचलन से बाहर होने लग जाती है। यह एक चक्र है।’

जनरल रावत से उनकी हाल की टिप्पणी के बारे में सवाल पूछा गया। इसमें उन्होंने कहा था कि सैन्य बलों को संसाधनों का वह हिस्सा नहीं मिल रहा जितने के वे हकदार हैं। जनरल रावत ने कहा कि उनकी टिप्पणियों का आधार यह था कि रक्षा बजट उम्मीद से कम था। हालांकि उन्होंने कहा कि एसपी माडल इस कमी की भरपाई कर देगा। पिछले महीने सैन्य प्रमुख ने कहा था कि रक्षा पर खर्च को देश में कई लोग बोझ मानते हैं। सेना को वह हिस्सा नहीं मिल रहा जिसकी कि वह हकदार है। वर्ष 2017-18 में भारत का रक्षा बजट 2.74 लाख करोड़ रुपए है, जो कि जीडीपी का 1.63 फीसद है। चीन का रक्षा बजट उसकी जीडीपी का करीब तीन फीसद है।सेना प्रमुख और सेना के शीर्ष अधिकारियों ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर काजीगुंड के निकट आतंकी हमले में शहीद हुए दो सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। आतंकियों ने शनिवार को राजमार्ग पर सेना के एक काफिले पर हमला कर दिया था। इस घटना में नायक दीपक कुमार मैती और मणिवानन जी की मौत हो गई थी। दिल्ली के पालम हवाईअड्डे पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के बाद सेना प्रमुख ने कहा, ‘सैनिक के लिए लिए कर्म ही पूजा है।’

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