भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार (12 जून) को राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजनीतिक दलों से चर्चा के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा बनाई इस कमेटी में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू सदस्य हैं। मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। भारतीय निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए 17 जुलाई की तारीख घोषित की है। 20 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आएंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी द्वारा की गई घोषणा के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 28 जून है। 29 जून को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। नाम वापस लेने की अंतिम तारीख एक जुलाई है। राष्ट्रपति चुनाव में लोक सभा और राज्य सभा के सांसदों के अलावा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के विधायक वोट देते हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम तय कर चुके हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमित शाह ने नागपुर जाकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और सरकार्यवाह भैयाजी जोशी को भी निजी तौर पर मिलकर अपनी पसंद की सूचना दे दी है। 15 जून को भाजपा संसदीय दल की बैठक है। माना जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर चर्चा की जाएगी। उसके बाद भाजपा नेता अनंत कुमार भाजपा के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को विभिन्न राज्यों का दौरा कराएंगे और सहयोगी दलों के मुख्यमंत्री, सांसदों और विधायकों इत्यादि से उनकी मुलाकात कराएंगे।
राष्ट्रपति चुनाव की बात सुनने और देखने में जितनी आसान लगती है, असल में यह उतनी ही टेढ़ी खीर है। देश की सबसे ताकतवर कुर्सी के लिए जनता मतदान नहीं करती। जी हां, राष्ट्रपति को सीधे तौर पर लोग खुद नहीं चुन सकते। राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में विधायक और सांसद वोट देते हैं। ऐसे गिने जाते हैं उनके मत।
वहीं विपक्ष दल भाजपा गठबंधन के खिलाफ साझा उम्मीदवार उतारने के लिए लामबंदी कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जदयू के प्रमुख और बिहार के सीएम नीतीश कुमार इत्यादि नेताओं से मुलाकात कर चुकी हैं। हालांकि ममता बनर्जी और नीतीश कुमार ने कहा है कि सत्ताधारी भाजपा को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति उम्मीदवार उतारना चाहिए। जहां नीतीश कुमार मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दोबारा उम्मीदवार बनाए जाने पर सहमति देने की बात कर चुके हैं वहीं ममता कह चुकी हैं कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसे किसी सर्वस्वीकार्य व्यक्ति को उम्मीदवार बनाती है तो वो उसे समर्थन दे सकती हैं।