लखनऊ.यहां के मोहनलालगंज के फकीरखेड़ा गांव में आजादी के बाद पहली बार रविवार को बिजली आई। बिजली आने से घरों में जब बल्ब जगमगाए तो ग्रामीणों के चेहरों की मुस्कान उनकी खुशी का इजहार कर रही थी। बिजली न होने के चलते गांव में शादी के रिश्ते तक आना बंद हो गए थे। बता दें कि लखनऊ इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एडमिनिस्ट्रेशन (लेसा) के गांव को गोद लेने के बाद यहां बिजली का यह काम हुआ है। अब मेरी बहू की आंखें नहीं होंगी कमजोर…
– 40 साल से ढिबरी की रोशनी में खाना बना रही राजेश्वरी कहती हैं कि अब मेरी बहू की आंखें ढिबरी की रोशनी में काम करते हुए कमजोर नहीं होंगी।
– वहीं, एक अन्य महिला कुंती कहती हैं, “जब मेरी शादी हुई तो मुझे पता नहीं था कि जिस गांव में मैं जा रही हूं, वहां बिजली नहीं है। अब बिजली आ गई है। मुझे इस बात से बहुत खुशी है।”
– बिजली आने पर ग्रामीणों ने मिठाई खिलाकर एक-दूसरे को बधाई दी।
बिजली न होने की वजह से नहीं होती थी शादी
– फकीरखेड़ा गांव में बिजली न होने के कारण गांव में शादी के रिश्ते भी बनते-बनते अक्सर टूट जाते थे। गांव वालों ने बताया कि रिश्तेदारों के यहां से आने वाले रिश्ते भी बंद हो गए थे। इस वजह से नौजवानों की शादी में बहुत दिक्कतें आती थीं।
– ग्रामीणों के मुताबिक, मोबाइल चार्ज करने की भी समस्या थी। पहले बैटरी को बाजार से चार्ज कराकर लाते, फिर उससे मोबाइल चार्ज किया करते थे।
बिजली विभाग ने खर्च किए 15 लाख
– लेसा के चीफ इंजीनियर आशुतोष कुमार ने बताया कि इस गांव को रोशन करने में 15 लाख रुपए खर्च हुए हैं।
– 36 में से 35 घरों में कनेक्शन मुफ्त दिए गए हैं। क्योंकि यह सभी बीपीएल कार्डधारक हैं। एक कनेक्शन एपीएल धारक को दिया गया है।