Friday, March 29, 2024
featuredउत्तर प्रदेश

अखिलेश यादव सरकार में ‘सपाई’ ने इस भाजपा नेता पर किए थे 33 केस, योगी सरकार में सारे केस खत्म

SI News Today

उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार में 14 फरवरी 2015 को बरेली के नवाबगंज पुलिस थाने में बीजेपी के जिलाध्यक्ष रवींद्र सिंह राठौर के खिलाफ 33 मामले दर्ज किए गए। लेकिन पिछले दो महीने में यूपी पुलिस ने इन सभी मामलों में क्लोजर रिपोर्ट जमा कर दी है। इनमें से ज्यादातर मामलों में पुलिस ने मई में स्थानीय अदालत को क्लोजर रिपोर्ट सौंपी। ये मामले नवाबगंज नगरपालिका में जालसाजी और धोखाधड़ी से जुड़े हुए थे। राठौर नवाबगंज नगरपालिका के चेयरमैन रहे हैं। राठौर के खिलाफ पुलिस ने शहला ताहिर की शिकायत पर केस दर्ज किए थे। ताहिर समाजवादी पार्टी के समर्थन से इस वक्त नवाबगंज नगरपालिका चेयरपर्सन हैं।

ताहिर का आरोप है कि “बीजेपी सरकार ने राठौर पर दर्ज मामले खत्म करने में मदद की है। मैं इसे अदालत में चुनौती दूंगी और आगे जांच के लिए आदेश की मांग करूंगी।” बरेली के स्पेशल एसपी जोगेंद्र कुमार कहते हैं, “सबूतों के अभाव में क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई है।” राठौर एवं अन्य पर साल 2001 में चेयरमैन रहने के दौरान नगपारिका की 33 दुकानों को दोबारा आवंटित करने को लेकर 33 एफआईआर दर्ज की गई थीं। नवाबगंज पुलिस थाने के स्टेशन हाउस अफसर प्रमोद कुमार शर्मा के अनुसार ताहिर ने आरोप लगाया था कि ये आवंटन जाली दस्तावेज के आधार पर किए गए थे।

शर्मा के अनुसार राठौर एवं अन्य पर आईपीसी की धोखाधड़ी की धारा 420, धारा 467, धारा 468, धारा 471 और धारा 392 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन सभी मामलों की जांच बरेली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने की थी। पुलिस क्राइम ब्रांच के जांच अधिकारी सुभाष चंद्रा त्यागी ने बताया, “अभी अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार नहीं की है।”

राठौर कहते हैं कि ये मामले इसलिए बंद किए जा रहे हैं कि क्योंकि वो राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज कराए गए थे। राठौर 2001 में नगलपारिका के चेयरमैन बने थे। उनसे पहले ताहिर 1995-2000 तक चेयरपर्सन थीं। ताहिर 2012 में दोबारा चेयरपर्सन चुन ली गईं। राठौर ने कहा, “शहला ताहिर द्वारा आवंटित ज्यादातर दुकानें 2001 में निर्माणाधीन थीं। मैंने दुकानों का आवंटन सभी प्रक्रियाओं और मानकों का पालन करते हुए किया था।”

SI News Today

Leave a Reply