Friday, April 19, 2024
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कतर को 12 अरब डॉलर की कीमत वाले लड़ाकू विमान बेचेगा अमेरिका

SI News Today

अमेरिका 12 अरब डॉलर की कीमत वाले अमेरिकी एफ-15 लड़ाकू विमान कतर को बेचने के लिए राजी हो गया है। यह सैन्य सौदा ऐसे समय हुआ है, जब दोहा और उसके पड़ोसी खाड़ी देशों के बीच राजनायिक संकट चल रहा है। पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रोजर कैबिनेस ने सीएनएन से कहा, “रक्षामंत्री जिम मैटिस आज कतर के रक्षा मामलों के राज्यमंत्री खालिद अल अत्तायाह से मिले और विदेश सैन्य बिक्री खरीद को अंतिम रूप देने के तहत कतर द्वारा अमेरिकी निर्मित एफ-15 लड़ाकू विमान की खरीदारी को अंतिम रूप दिया।”

12 अरब डॉलर की बिक्री कतर की रक्षा क्षमता में वृद्धि करेगा और सुरक्षा सहयोग और अमेरिका और कतर के बीच आंतरिक सहयोग बढ़ाएगा।

कैबिनेस ने कहा, “दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने आपसी सुरक्षा हितों, जिनमें हाल ही में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ किए गए हमले और राजनायिक संकट को कम करने की जरूरत पर भी बातचीत की, ताकि सभी खाड़ी देश समान लक्ष्यों की प्राप्ति में आगे बढ़ सकें।”

बुधवार को कतर के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में एफ-15 खरीद सौदे की पुष्टि की गई। सीएनएन के अनुसार, अल अत्तायाह ने एक बयान में कहा, “यह सौदा कतर का उसके दोस्तों और अमेरिका के साथ संयुक्त रूप से काम करने की लंबे समय की प्रतिबद्धता को दोहराता है।”

उन्होंने अमेरिका और कतर के संबंधों की भी सराहना की और कहा कि दोनों देशों ने कई वर्षो से साझा युद्ध किया और अब आतंक के सफाए के प्रयास के रूप में अपने सैन्य सहयोग को मजबूत किया है।

यह घोषणा एक हफ्ते पहले तीन खाड़ी देशों-सऊदी अरब, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा मिस्र के साथ मिलकर दोहा पर आतंकी समूहों को आर्थिक मदद देने के आरोप लगाते हुए, उसके साथ सारे राजनायिक संबंध तोड़ने के बाद आई है। दोहा को मध्य एशिया में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना माना जाता है।

इसके बाद अरब और मुस्लिम बाहुल कई अफ्रीका के देश इस राजनायिक नाकेबंदी में शामिल हुए थे और यहां तक कि कुछ ने इस संकट को सुलझाने की बात कही थी। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन ने बुधवार को सदन की विदेश मामलों की समिति के समक्ष पेश होने से पहले इस संकट के ठीक होने की बात कही थी।

सोमवार को सदन की सैन्य सेवा समिति को बताते हुए मैटिस ने राजनायिक स्थिति को बहुत ही जटिल बताया था और कतर का मध्य एशिया में अमेकिा का सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना होना और दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों की बात को माना था।

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