नरेन्द्र मोदी सरकार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने से पहले सारे विकल्पों पर विचार कर ले रही है। भारतीय जनता पार्टी इस मामले में किसी भी किस्म के अंदरुनी विवाद से बचने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को भी विश्वास में ले रही है। इसी सिलसिले में सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडु ने शुक्रवार को आडवाणी और जोशी से मुलाकात की और उन्हें सारी जानकारी दी। इस बीच समाचार एजेंसी से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 20 जून तक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा कर सकता है। इससे पहले एक मीटिंग आयोजित की जाएगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनाने के लिए तीन सदस्यों की कमेटी का गठन किया है। इसमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वेंकैया नायुड और अरुण जेटली शामिल हैं। शुक्रवार को राजनाथ और नायडु ने इसी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात की। इसके बाद दोनों दलों ने कहा कि बीजेपी किसी भी नाम को लेकर नहीं आई थी और राष्ट्रपति पद का कैंडिडेट चुनने में विपक्ष के सहयोग की मांग कर रही थी। इस बीच एनडीए के घटक दल शिवसेना ने इस पद के लिए कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का नाम आगे बढ़ाया है। एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी ने भी कहा है कि एमएस स्वामीनाथन देश के गौरव हैं और अगर ऐसे व्यक्ति का नाम आगे बढ़ाया जाता है तो सर्वसम्मति बन सकती है।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही है। इनमें सत्ता पक्ष की ओर से सुषमा स्वराज, लालकृष्ण आडवाणी, झारखंड की राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रोपदी मुर्मू, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का नाम शामिल है, जबकि विपक्ष की ओर से इस पद के लिए पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी, पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार का नाम आगे चल रहा है।