पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में लगातार सातवें दिन भी हिंसा जारी है। यहां गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। सरकार द्वारा कर्फ्यू लगाए जाने के बाद भी गोरखालैंड जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) चीफ बिमल गुरुंग लोगों को भड़काते और कर्फ्यू तोड़ने की अपील करते दिखे। उन्होंने रविवार (18 जून, 2018) को दार्जिलिंग के मशूहर चौक बाजार पर लोगों से इकट्ठा होने की अपील की है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जीजेएम चीफ ने कहा कि हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। अगर पुलिस ने हमें रोकने की कोशिश की तो हम मुसीबत पैदा करेंगे। गुरुंग की अपील पर सुबह 11.20 बजे से शांति मार्च शुरु हो गया। उससे पहले काफी संख्या में लोग चौक बाजार पहुंचे।
बता दें कि बीते शनिवार को दार्जिलिंग हिल्स में जीजेएम कार्यकर्ताओं और पुलिस की झड़प में तीन जीजेएम कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। इसमें घायल होने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यहां हालात बहुत संवेदनशील हो गए हैं। दूसरी तरफ जीजेएम का कहना है कि पुलिस फायरिंग में उसके तीन लोग मारे गए हैं। जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इससे इंकार किया है। बता दें कि गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जिलिंग में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। विरोध प्रदर्शनों का ये नया दौर कुछ समय से बंगाली भाषा को लादे जाने के विरोध में हो रहा है। ममता बनर्जी की अगुवाई में पश्चिम बंगाल सरकार ने बंगाली को पश्चिम बंगाल के सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य बना दिया था। जिसके बाद बंगाली लादे जाने के विरोध में गोरखालैंड के अर्ध-स्वायत्तशाषी इलाकों में हिंसा फैल गई। मौजूदा समय में दार्जिलिंग में सुरक्षा बलों के साथ ही आर्मी की भी तैनाती की गई है।
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दार्जिलिंग की अवाम से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा से किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता है। हर समस्या का समाधान दोनों पक्षों की आपसी समझ से निकाला जा सकता है। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि उन्होंने मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की है।