बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अगर एनडीए राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति नहीं बना पाता है तो विपक्ष अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी तक विपक्ष ने किसी के नाम पर चर्चा नहीं की है। पटना में मीडिया से बात करते हुए नीतीश ने कहा कि बीजेपी को किसी एक नाम पर आम सहमति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मुद्दे पर उन्हें फोन किया था। उस वक्त भी उन्होंने आम सहमति बनाने पर जोर दिया था।
बता दें कि इस वक्त नई दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में पार्टी संसदीय दल की बैठक हो रही है। इस बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर चर्चा होने की उम्मीद है। उम्मीद जताई जा रही है कि पार्टी आज (19 जून को) राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का एलान कर सकती है। इससे पहले तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित की है जो सभी दलों से राष्ट्रपति के संभावित उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा कर चुकी है। इनमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू शामिल थे।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब तक 15 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। नामांकन की आखिरी तारीख 28 जून है। 1 जुलाई तक नामांकन वापस लेने की तारीख है। उसके बाद 17 जुलाई को वोटिंग होगी और 20 जुलाई को नतीजे आएंगे। मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए ईवीएम मशीन का इस्तेमाल नहीं होगा। इसके लिए विशेष प्रकार की पेन का इस्तेमाल होगा। चुनाव आयोग ने यह भी घोषणा की थी कि वोटिंग के लिए किसी भी पार्टी को व्हिप जारी करने का अधिकार नहीं होगा। इसका मतलब यह हुआ कि हर विधायक या सांसद अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट दे सकेगा। वे पार्टी या पार्टी समर्थित उम्मीदवार को ही वोट देने के लिए बाध्य नहीं होंगे। उम्मीदवारों के लिए भी कई जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं। उम्मीदवार को 15 हजार रुपये की सिक्योरिटी जमा करानी होगी। इसके अलावा उम्मीदवार अगर किसी तरह के भ्रष्टाचार में दोषी पाया जाता है तो उसकी दावेदारी रद्द हो जाएगी।