राष्ट्रपति चुनाव के बाद कैबिनेट फेरबदल की अटकलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों से एक रिपोर्ट कार्ड तैयार करने का कहा है। इस रिपोर्ट कार्ड में सभी मंत्रियों को उनके विभाग की प्रमुख उपलब्धियों का ब्योरा देना होगा। रिपोर्ट एक महीने के भीतर जमा करानी होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, एक सरकारी सूत्र ने कहा कि मंत्रियों को राजग (NDA) सरकार के तीन साल की उपलब्धियों को यूपीए सरकार की तीन साल की उपलब्धियों से तुलना करके बताना होगा।
यह निर्देश पिछले बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान दिए गए हैं। रिपोर्ट कार्ड जमा कराने की समयसीमा राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने से पहले ही खत्म हो जाएगी। जानकारों का मानना है कि अप्रेजल का यह कदम मंत्रिमंडल फेरबदल का सीधा संकेत है। 2019 के लोक सभा चुनाव में बस दो साल का समय रह गया है। ऐसे में भाजपा सरकार का पूरा ध्यान उपलब्धियां गिनाने और विकास कार्यों को धरातल पर दिखाने पर है।
सूत्रों ने कहा कि पिछले तीन सालों में किए गए विकास कार्यों और स्कीमों को और मजबूत करने के लिए नई ‘मोदी टीम’ बनाई जा सकती है। मंत्रिमंडल में फेरबदल इसलिए भी जरूरी बताया जा रहा है क्योंकि रक्षा मंत्री का पद छोड़कर मनोहर पर्रिकर फिर से गोवा के मुख्यमंत्री पद पर लौट गए हैं, इसके अलावा पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे की मौत के बाद कुछ पद खाली हैं। चूंकि सत्ताधारी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है, ऐसे में पार्टी संगठन में भी परिवर्तन किया जा सकता है और कुछ मंत्रियों को अपना पद छोड़ना पड़ सकता है।