Saturday, April 20, 2024
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उत्तर कोरिया की जेल से रिहा हुए अमेरिकी छात्र की मौत

SI News Today

उत्तर कोरिया की जेल से 18 महीने पहले रिहा हुए अमेरिकी छात्र ओटो वार्मबेयर की मौत हो गई है। हालत में सुधार नहीं होने के बाद पिछले सप्ताह ही उसको कोमा से बाहर निकालकर घर लाया गया था। इस 22 वर्षीय छात्र को गंभीर दिमागी चोट लगी थी और पिछले सप्ताह मंगलवार को उसको कोमा से बाहर निकाला गया था। इसके छह दिनों बाद ओहायो के सिनसिनाटी में उसका निधन हो गया। आखिरी समय परिवार के लोग और नजदीकी रिश्तेदार उनके पास थे। परिवार ने एक बयान में कहा, ”उत्तर कोरिया के हाथों हमारे बेटे को जिस तरह से यातना दी गई उससे स्पष्ट था कि यही होने वाला है।”

यह अमेरिकी नौजवान वहां पर्यटक के तौर पर गया था और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पिछले साल मार्च में उसे उत्तर कोरिया के एक होटल का राजनीतिक पोस्टर चुराने के आरोप में 15 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। बाद में उनको रिहा किया गया था जिसके बाद उनको अमेरिका वापस लाया गया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युवक की मौत को लेकर उत्तर कोरिया पर निशाना साधा। ट्रंप ने कहा, ”यह (उत्तर कोरिया) बर्बर शासन है।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने युवक की मौत पर दुख प्रकट करते हुए कहा, ”खराब चीजें हुई थीं, लेकिन अच्छी बात थी कि वह अपने माता-पिता के पास लौट आए थे।”

उन्होंने कहा, ”इस पीड़ित को लेकर शोकाकुल होने के साथ अमेरिका एक बार फिर उत्तर कोरियाई शासन की बर्बरता की निंदा करता है।”

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने प्योंगयांग द्वारा रिहा किए जाने के बाद दम तोड़ने वाले 22 वर्षीय अमेरिकी छात्र की मौत को लेकर उत्तर कोरिया पर निशाना साधते हुए कहा कि इस छात्र की स्मृतियां उत्तर कोरियाई शासन की तानाशाही की ”निर्दयी प्रकृति” की ”ऐसी याद बन जाएगी, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।”

भारतीय मूल की अमेरिकी निकी हेली ने ओट्टो वार्मबियर की मौत पर जारी बयान में कहा, ”उत्तर कोरियाई अपराधियों के हाथों अनगिनत मासूम पुरूष और महिलाएं मारे गए हैं लेकिन ओट्टो वार्मबियर के मामले ने अमेरिकी लोगों के दिल को कुछ इस तरह छुआ है, जैसा किसी अन्य ने नहीं छुआ।”

वार्मबियर यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया का छात्र था और चीन की यात्रा के दौरान उत्तर कोरिया गया था। उसे जनवरी 2016 में प्योंगयांग हवाईअड्डे पर देश की अधिनायकवादी सरकार के खिलाफ ‘शत्रुतापूर्ण कृत्य’ के आरोप में हिरासत में ले लिया गया था। यह आरोप दुष्प्रचार से जुड़ा पोस्टर चुराने की कोशिश करने पर लगाया गया था।

वार्मबियर को पिछले सप्ताह जेल से रिहा किया गया था और कोमा की स्थिति में ही घर भेज दिया गया था। एक साल से अधिक समय से वह कोमा में था। कल सिनसिनाती अस्पताल में उसका निधन हो गया था। हेली ने कहा कि वार्मबियर की यादें उसके परिवार को उसकी मौजूदगी का अहसास दिलाएंगी लेकिन ”ये यादें हमें उत्तर कोरिया की तानाशाही की निर्दयी प्रकृति की भी बार-बार याद दिलाएंगी।”

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