जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जेकेएलएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि मलिक को मैसुमा इलाके में स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। माना जा रहा है पुलिस कुछ अन्य अलगाववादियों को भी हिरासत में ले सकती है या नजरबंद कर सकती है। यासीन मलिक ने शुक्रवार को पुलिस की आंखों में धूल झोंकते हुए चरार-ए-शरीफ में एक बड़ी सभा को संबोधित किया था। मलिक एक वर्ष से ज्यादा समय से हुर्रियत नेताओं सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारुक के साथ मिलकर कश्मीर घाटी में अलगाववादी प्रतिरोध का नेतृत्व कर रहे हैं। गिरफ्तारी पर भाजपा विधायक रविंदर रैना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शुक्रवार को हुई डीएसपी की हत्या के मामले में मीरवाइज उमर फारुक, शबिर शाह समेत अन्य हुर्रियत कॉन्फ्रेंस नेताओं को भी तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले पुलिस ने 13 जून को यासीन को गिरफ्तार किया था। मलिक को अलगाववादियों द्वारा आहूत बैठक में हिस्सा लेने से रोकने के लिए 13 जून को गिरफ्तार कर लिया गया था। मलिक को अबी गुजर क्षेत्र में उस समय हिरासत में लिया गया, जब वह अली कदाल में बैठक में हिस्सा लेने जा रहे थे। वहीं उससे पहले 9 जून एक जुलूस की अगुवाई करने की कोशिश के दौरान मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया था।
यह भी बताते चलें कि शुक्रवार की मध्य रात्रि को नौहट्टा की जामिया मस्जिद के बाहर भीड़ ने जम्मू-कश्मीर के डिप्टी एसपी मोहम्मद अयूब पंडित को पीट-पीट कर मार डाला। राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस शर्मनाक हरकत करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। घटना के बाद से घाटी में तनाव है और इस मामले में अब तक पांच गिरफ्तारी की जा चुकी है।