टाटा फाइनेंस के बर्खास्त प्रबंध निदेशक दिलीप पेंडसे ने 5 जुलाई को कथित रूप से अपने कार्यालय में आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी। पेंडसे (61) का शव आज दोपहर दादर पूर्व में रॉयल ग्रेस बिल्डिंग में पहली मंजिल पर स्थित उनके निजी कार्यालय में पंखे से लटका मिला। पेंडसे को कुछ साल पहले टाटा ने बर्खास्त कर दिया था।उनका नाम कुछ गैरकानूनी लेन-देन में आने के बाद उनको बर्खास्त किया गया था। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि उनका शव पोस्टमार्टम के लिए सियॉन अस्पताल भेजा गया है। पुलिस उपायुक्त रश्मि करान्दिकर ने कहा कि माटुंगा पुलिस ने दुर्घटना में मौत का मामला दर्ज किया है। आगे की जांच जारी है। इससे पहले टाटा मोटर्स के मुख्य कार्यकारी कार्ल स्लिम ने 2014 में और टाटा स्टील की पूर्व प्रवक्ता चारू देशपांडे ने 2013 में आत्महत्या की थी।
पुलिस के मुताबिक, पेंडसे को उनकी पत्नी ने दोपहर के खाने के लिए कई बार कॉल किया। कॉल करने पर भी जब उन्होंने फोन नहीं उठाया तो वह उन्हें देखने दूसरी मंजिल पर गईं। वहां पहुंच कर उन्होंने पेंडसे को छत के फंखे से फांसी लगाए हुआ पाया। उनकी पत्नी ने दोपहर लगभग ढ़ाई बजे पुलिस को इस घटना की जानकारी दी। खबर के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि उनके शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है। उनके मुताबिक पेंडसे ने नोट में लिखा है कि आत्महत्या के लिए किसी और को जिम्मेदार न माना जाए। पेंडसे अपने खिलाफ चल रहे केसों से परेशान थे और इसी के चलते उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला लिया था।
गौरतलब है दीलीप पेंडसे को एक टाटा फाइनैंस का एमडी बनाया गया था लेकिन उनकी गैरकानूनी लेन-देन के मामले में उन्हें कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया था। वहीं SEBI ने भी उन्हें कुछ गैर-कानूनी गतिविधियों के चलते कैपिटल मार्केट से 2 साल के लिए बर्खास्त कर दिया था।