राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जारी सरगर्मियों के बीच कांग्रेस की कोशिशों को पानी फिरता नजर आ रहा है। बिहार के राज्यपाल रहे रामनाथ कोविंद के समर्थन में आए नीतीश कुमार को विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार के सपोर्ट में लाने में कांग्रेस का प्रयास रंग लाते हुए नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस की कोशिशों को आखिरी झटका उस समय लगा जब वह विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मीटिंग कराने में नाकामयाब साबित हुई। बिहार में महागठबंधन दो पार्टियां कांग्रेस और लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) मीरा कुमार की उम्मीदवारी के लिए ‘बिहार की बेटी’ बताकर मैदान तैयार करने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस ने मीरा कुमार के एक बार पटना लैंड करने के बाद नीतीश कुमार से मीटिंग कराने की तैयारी की थी ताकि जेडीयू को प्रतिक्रिया देने में थोड़ा समय लगे, लेकिन जेडीयू ने ऐसा कदम उठाया है और सुझाव दिया कि नीतीश पटना से बाहर होंगे।
बीजेपी की ओर से रामनाथ कोविंद को एनडीए का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के बाद विपक्ष ने भी मैदान में दलित चेहरा उतारते हुए मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया। जेडीयू ने रामनाथ कोविंद के समर्थन के संकेत दिए हैं। जद (यू) विधायक रत्नेश सदा ने कहा कि जेडीयू राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद का समर्थन करेगा। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भी अपनी मंशा पूर्व में ही जाहिर कर दी थी। जद (यू) के सोनबरसा से विधायक सदा ने कहा, “बिहार का कोई राज्यपाल पहली बार राष्ट्रपति बनने जा रहा है। ऐसे में यह हमारे लिए गर्व की बात है और हम रामनाथ कोविंद के साथ हैं।” जेडीयू के अलावा एआईएडीएमके, टीआरएस, बीजद ने भी एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दे दिया है।
रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति बनना लगभग तय माना जा रहा है। राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा है कि वह राष्ट्रपति के पद को ‘राजनीति से ऊपर’ रखने की कोशिश करेंगे और समाज के सभी वर्गों के लिए काम करेंगे। कोविंद ने कहा, ‘मैं यह सुनिश्चित करने की कोशिश करूंगा कि जाति, लिंग, नस्ल, धर्म या क्षेत्र के आधार पर देश में किसी प्रकार का भेदभाव ना हो। मैं भारत के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करूंगा।’ उन्होंने कहा कि ‘सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर’ के रूप में अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता होगी।