Thursday, April 25, 2024
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दौड़ में आगे चल रहे रवि शास्‍त्री और टॉम मूडी का यह कनेक्‍शन

SI News Today

भारतीय क्रिकेट टीम के अगले कोच की दौड़ में जिन दो पूर्व क्रिकेटरों के नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं, वो हैं- भारत के रवि शास्त्री और ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी। लेकिन हम आपको 25 साल पुराने विश्व कप के एक मैच की याद ताजा कराने चाहेंगे जिसमें टॉम मूडी ने जहां शानदार प्रदर्शन किया था वहीं रवि शास्त्री ने अपने करियर के सबसे खराब प्रदर्शनों में से एक किया था। कुछ लोग इसे भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे खराब पारियों में भी शुमार करते हैं। एक मार्च 1992 को ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में हुए इस मैच में भारत केवल एक रन से हार गया था। इस मैच में भारत की नजदीकी हार के लिए रवि शास्त्री कई लोगों ने जिम्मेदार माना क्योंकि उन्होंने बहुत ही सुस्त पारी खेली थी।

इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी एलन बॉर्डन कर रहे थे और भारतीय टीम की कप्तानी मोहम्मद अजहरूद्दीन। मैच में टॉस ऑस्ट्रेलिया ने जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया की सलामी जोड़ी भारतीय गेंदबाजी की अगुवा कपिल देव के सामने नहीं टिक सकी। कपिल ने मार्क टेलर को 13 के निजी स्कोर पर किरण मोरे के हाथों विकेट के पीछे कैच करवा दिया और जेफ मार्श को आठ रनों के निजी स्कोर पर बोल्ड कर दिया। नंबर तीन पर खेलने डेविड बून ने 43 रन और नंबर चार पर खेलने आए डीन जोंस ने 90 रनों की पारी खेलकर अपने टीम को संकट से उबारा। इन दोनों के अलावा कोई ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज खास प्रदर्शन नहीं कर सका। ऑस्ट्रेलिया की टीम 50 ओवरों में नौ विकेट खोकर कुल 237 रन बना सकी। कपिल और मनोज प्रभाकर ने तीन-तीन विकेट लिए। जवागल श्रीनाथ और वेंकटपति राजू ने एक-एक विकेट लिए। पीटर टॉयलर रन आउट हुए थे।

भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को लगा कि इस औसत लक्ष्य का पीछा भारतीय टीम आराम से कर लेगी क्योंकि उसकी बल्लेबाजी ज्यादा मजबूत मानी जाती थी। जीत के लिए भारतीय टीम को 4.75 रनों के औसत से कुल 238 रन बनाने थे। भारतीय पारी की शुरुआत रवि शास्त्री और के श्रीकांत ने की। श्रीकांत मैच की छठवीं गेंद पर ही क्रेग मैक्डरमॉट की गेंद पर शून्य के निजी स्कोर पर बोल्ड हो गए। 16.2 ओवरों में जब भारत का स्कोर एक विकेट पर 45 रन था तो बारिश होने लगी। बारिश के कारण करीब 15 मिनट बाद जब भारतीय टीम खेलने उतरी तो उसका बदला हुआ लक्ष्य था 47 ओवरों में 236 रन। इस तरह बारिश की वजह से ऑस्ट्रेलिया को इस नजदीकी साबित होने वाले मैच में बडा़ फायदा हो गया।

श्रीकांत के आउट होने के बाद रवि शास्त्री दबाव में आ गए। उन्होंने 67 गेंदों पर 37.31 के स्ट्राइक रेट से 25 रन बनाए। इस दौरान शास्त्री ने केवल एक चौका मारा। देखने में ये रन स्ट्राइक रेट शायद दुनिया का सबसे बुरा स्ट्राइक रेट न लगे लेकिन विश्व कप का उस मैच के परिणाम ने दर्शकों की नजर में शास्त्री को विलेन बना दिया। क्रिकेटप्रेमियों ने माना कि अगर शास्त्री इतनी सुस्त रफ्तार से न खेलते तो भारतीय टीम एक रन से नहीं हारती। मैच में शास्त्री से कम रन औसत केवल तीन खिलाड़ियों का रहा जिनमें श्रीकांत और वेंकटपति राजू शून्य पर आउट हुए थे। वहीं अजय जडेजा केवल पांच गेंदें खेलकर एक रन पर आउट हो गए थे।

भारत के लिए नंबर तीन पर खेलने उतरे कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन ने मैच बचाने की पूरी कोशिश की। अजहर ने रन आउट होने से पहले 147 गेंदों पर 93 रन बनाए। अजहर के बाद सबसे ज्यादा 47 रन नंबर छह पर उतरे संजय मंजरेकर ने बनाए। कपिल देव ने 26 गेंदों पर 21 रन बनाए थे। बाकी कोई बल्लेबाज टिक कर नहीं खेल सका। पूरी भारतीय टीम 47 ओवरों में 234 रन बनाकर आउट हो गई और भारत एक रन से हार गया। मैच में तीन भारतीय खिलाड़ी रन आउट हुए थे जिनमें से दो तो आखिरी ओवर में ऑस्ट्रेलिया की चुस्त फील्डिंग के शिकार बने थे।

ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे सफल गेंदबाज टॉम मूडी साबित हुए। उन्होंने नौ ओवरों में 56 रन देकर तीन विकेट लिए। मूडी ने शास्त्री, सचिन तेंदुलकर और किरण मोरे का विकेट लिया था। उनके अलावा क्रेग मैक्डरमॉट, मार्क ह्यूज और स्टीव वॉग ने एक-एक विकेट लिए। अजहर, श्रीनाथ और राजू रन आउट हुए। यानी इस मैच में रवि शास्त्री, रन आउट और बारिश भारत के लिए विलेन बने थे। 1992 का विश्व कप पाकिस्तान ने इंग्लैंड को हराकर जीता था।

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