राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तराखंड के हरिद्वार और उत्तरप्रदेश के उन्नाव के बीच गंगा नदी के तट से 100 मीटर तक के क्षेत्र को ‘नो डेवलपमेंट जोन ’ घोषित किया। एनजीटी ने गुरुवार (13 जुलाई) को कहा कि गंगा नदी के तट से 500 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का कचरा डंप नहीं होना चाहिए। एनजीटी ने कहा कि गंगा नदी में कचरा डंप करने वाले किसी को भी 50 हजार रूपए का पर्यावरण हर्जाना देना होगा। एनजीटी ने 543 पन्नों वाले अपने फैसले के पालन की निगरानी करने और इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए पर्यवेक्षक समिति का गठन किया। एनजीटी की तरफ से जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने यह आदेश दिया था।
बेंच ने बताया कि केंद्र सरकार गंगा की सफाई पर अबतक बीस हजार करोड़ रुपए के करीब खर्च कर चुकी है। एनजीटी की तरफ से यह भी कहा गया उन्होंने केंद्र सरकार को इसकी सफाई पर फिलहाल और पैसा ना खर्च करने का भी निर्देश दिया है।