Friday, March 29, 2024
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बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग ने जारी किया आॅडियो-स्लोगन

SI News Today

लखनऊ.यूपी में बिजली चोरी रोकने और जनता को जागरूक करने के लिए व‍िभाग ने अब आॅडियो-स्लोगन रिलीज किए हैं, ताक‍ि जनता को हर क्षेत्र के हिसाब से उन्हीं की भाषा में आॅडियो सुनाया जा सके। लेसा चीफ इंजीनियर आशुतोष कुमार ने कहा, ”हमने आॅडियो के माध्यम से लाइन लाॅस को कम करने के लिए जनता से अपील की है, ताक‍ि बिजली चोरी रोकी जा सके।” वहीं, ऊर्जा विभाग के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि पूर्व एमडी एपी मिश्रा ने इस तरह के आॅडियो यूपी में क्षेत्र के हिसाब से करीब 7 भाषाओं में बनवाया था, जिससे उन्हीं की क्षेत्रीय भाषा में उन्हें इसकी उपयोगिता समझाई जा सके। उस वक्त रेवेन्यू भी अब से ज्यादा आया था, अब तो बस खाना पूर्ति हो रही है।

लाइन लाॅस को कम करने पर जोर
– बिजली विभाग ने कटियाबाजों से निपटने के लिए एक अभियान के तहत आॅडियो स्लोगन बनाया है, जिससे लोगों को बिजली के प्रति जागरूक किया जा सके।

– इस आॅडियो में एक लड़की अपने भाई से रक्षा बंधन पर गिफ्ट में बिजली कनेक्शन मांग रही है, जिसमें वो कहती है कि ‘भैया मेरे रक्षा बंधन को निभाना, अब कटिया न लगाना’, ‘भैया इस बंधन को निभाना- मुझे बिजली कनेक्शन अब दिलाना’।

– लेसा के चीफ इंजीनियर आशुतोष कुमार ने कहा, ”हमने लाइन लाॅस कम करने के लिए पब्लिक से ही सर्पोट मांगा है, क्योंकि जब तक पब्लिक जागरूक नहीं होती, तब तक हम लाख कोशिश कर लें, बदलाव नहीं होने वाला है।”

– ”इस वजह से हमने हिंदी स्लोगन जारी किया है, जिसे दीवारों पर वाॅल पेंटिंग की जाएगी। साथ ही एक आॅडियो रिलीज किया है, ताक‍ि की जनता के मोबाइल पर ज्यादा से ज्यादा पहुंचाकर उससे भी जागरूक किया जा सके।”

एमडी ऑफिस के अधिकारी ने कहा- केवल खाना पूर्ति
– बढ़ती हुई कटौती के लिए बिजली विभाग के एमडी आॅफिस से जुड़े एक बड़े अधिकारी ने कहा, ”आज जितनी कटौती हो रही है, वो सब यहां आए हुए आला अधिकारियों की वजह से है, इन्हें बेसिक समझ भी नहीं है। ये स्लोगन और आॅडियो सब खाना पूर्ति है, क्योंकि लाखों का बजट आता है, व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए, उसे खपाना तेा पड़ेगा ही।”

– ”इसी स्लोगन और आॅडियो को हमारे पूर्व एमडी एपी मिश्रा ने 6 क्षेत्रीय भाषाओं में जारी करने का प्लान बनाया था, उससे जरूर फर्क पड़ता। क्योंकि घर की महिलाओं और ग्रामीणों को जागरूक करना है तो उन्हीं की क्षेत्रीय भाषा में ज्यादा बेहतर समझाया जा सकता

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