गोरखपुर इंसेफ्लाइटिस के कहर के बीच महानगर में स्वाइन फ्लू ने भी खतरे की घंटी बजा दी है। हफ्ते भीतर दो मरीजों में बीमारी की पुष्टि ने अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। ये मरीज गोरखपुर में बीमारी की गिरफ्त में आए लेकिन पुष्टि लखनऊ में हुई। दोनों मरीज शहर के अलग-अलग इलाकों के हैं।
पहला मरीज शहर के हड़हवा का जबकि दूसरा तारामंडल इलाके का है। इस बार इसी क्षेत्र में रहने वाले एक इंजीनियर की पत्नी में चार जुलाई को पीजीआइ लखनऊ में हुई जांच में बीमारी की पुष्टि हुई है। मरीज को जून के आखिरी हफ्ते में परिवारीजन ने महानगर के चिकित्सक डा. एसपीडी द्विवेदी को दिखाया।
डा. द्विवेदी के अनुसार मरीज को बुखार व सांस की तकलीफ थी। इलाज के बाद भी स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही थी। फेफड़ा प्रभावित होते देख लखनऊ रेफर कर दिया गया। इसके पहले लखनऊ में पांच दिन पहले गोरखपुर से इलाज के लिए रेफर किए गए व्यक्ति में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। शहर के हड़हवा फाटक निवासी व्यक्ति को 30 जून को तेज बुखार आया था। उसे जुकाम व गले में खराश की समस्या के बाद स्थानीय अस्पताल में इलाज कराया गया लेकिन हालत सुधरने की बजाय बिगडऩे लगी।
सात जुलाई की रात परिवारीजन ने उसे गोमतीनगर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। इस दौरान उसका स्वैब का सेंपुल पीजीआइ जांच के लिए भेजा गया। जहां स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। उधर हफ्ते भीतर बेहद संक्रामक बीमारी स्वाइन फ्लू के दो मरीज मिलने से अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हड़हवा फाटक स्थित मरीज के घर जाकर परिवारीजन को स्वाइन फ्लू की दवा देकर चैन की सांस ली थी कि एक और मामला सामने आ गया।