लखनऊ.यूपी में हत्या और हमले की कई फाइलें गायब होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है। कोर्ट ने योगी सरकार से मामलों का पूरा ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने मामले में सीबीआई को पक्षकार बनाया है। केस की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। 10 साल की फाइलें गायब…
– यूपी सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि गायब रिकॉर्ड वाले केस 1981-1991 के बीच के हैं। इस दौरान केसों की संख्या 74 से 162 तक हो सकती है। सरकार ने ये भी कहा कि कुछ मामलों में अभी सुनवाई चल रही है। इनमें से कुछ के रिकॉर्ड गायब होने के चलते आरोपी बरी हो चुके हैं।
– इस पर कोर्ट ने कहा कि जिन अफसरों की लापरवाही की वजह से रिकॉर्ड गायब हुए हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें सस्पेंड किया जाएगा।
कोर्ट सरकार से मांगा रिकॉर्ड
– सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि आप हर केस का रिकॉर्ड दें। कोई किसी भी पद पर बैठा अफसर क्यों न हो, हम एक झटके में उसे निलंबित करेंगे। कोर्ट ने पूछा है कि किस-किस अफसर की कस्टडी से अहम फाइलें गायब हुई हैं। आरोपी रिकॉर्ड के अभाव में बचना नहीं चाहिए।