Friday, March 29, 2024
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जेडीयू में नीतीश कुमार के ख‍िलाफ बगावत का खतरा

SI News Today

बिहार की सियासत में अंदरखाने जोड़-तोड़ और नफा-नुकसान का गणितीय खेल जारी है। इस खेल में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की खबरें हैं। शायद यही वजह है कि मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने तेजस्वी से इस्तीफा लेने के मामले में फिलहाल चुप्पी साध ली है। अंदरखाने खबरें थीं कि तेजस्वी से इस्तीफा मांगने के बाद अगर सरकार गिरती है तो नीतीश कुमार बीजेपी के साथ जाकर सरकार बना सकते हैं लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश की इस कोशिश को उनके ही दल के विधायकों ने जोरदार झटका दिया है। सूत्रों के मुताबिक जेडीयू के अधिकांश मुस्लिम और यादव विधायकों ने बीजेपी के साथ जाने की बजाय अलग रास्ता अपनाने का मन बना लिया है।

पार्टी के अंदर चल रही हलचल की बानगी केरल से पार्टी के एकमात्र सांसद वीरेंद्र कुमार ने जगजाहिर कर दी। कुमार ने ना सिर्फ बीजेपी से गठबंधन की खबरों को खारिज किया है बल्कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी द्वारा एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के फैसले को भी नजरअंदाज कर दिया।

एचटी मीडिया ने जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से लिखा है कि अगर नीतीश कुमार भगवा झंडा थामते हैं तो पार्टी के कई विधायक खासकर सीमांचल-कोशी इलाके से चुनकर आने वाले एमएलए अलग राह अपना सकते हैं। यानी पार्टी में फूट हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि जेडीयू के अधिकांश मुस्लिम और यादव विधायक बीजेपी से किसी तरह के गठबंधन के खिलाफ हैं। ऐसे में अगर नीतीश कुमार महागठबंधन तोड़कर एनडीए में शामिल होने की कोशिश करते हैं तो उन्हें अपनी ही पार्टी में सबसे ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

सूत्र बताते हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का भी बीजेपी की तरफ झुकाव नहीं है। अगर नीतीश इसके बाद भी बीजेपी से मोहभंग नहीं करते हैं तो उनकी पार्टी में अंग-भंग हो सकता है। माना जा रहा है कि एनडीए में शामिल होने की दशा में 71 में से करीब 20 विधायक नीतीश के खिलाफ जा सकते हैं। पार्टी के 12 सांसदों में से 6 भी इसी तरह की मुखालफत कर सकते हैं। एचटी मीडिया के मुताबिक, सरफराज आलम, मुजाहिद आलम, सरफुद्दीन आलम और नौशाद आलम कुछ ऐसे नाम हैं जो जेडीयू के एनडीए में शामिल होने की दशा में नीतीश से बगावत कर सकते हैं।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर महागठबंधन के दो दलों राजद और जेडीयू के बीच तल्खी देखने को मिल रही है। जेडीयू जहां तेजस्वी से बेनामी संपत्ति मामले में सीबीआई के आरोपों पर सफाई मांगी थी,वहीं राजद की ओर से स्पष्ट कहा गया था कि तेजस्वी पद से इस्तीफा नहीं देंगे। इस बीच मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच उपजे राजनीतिक हालातों पर करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई थी।

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