संपत्ति के लालच में कलयुगी बेटे ने अपने दिव्यांग पिता को शराब पिलाने के बाद जिंदा नहर में फेंक दिया था, जिससे डूबकर उसकी मौत हो गई। किसान के बेटे के साथ उसकी पत्नी भी इस सुनियोजित हत्या के षड्यंत्र में शामिल थी। गोसाईंगंज क्षेत्र में आठ जुलाई को हुई इस दुस्साहसिक घटना का राजफश कर पुलिस ने बेटे सहित तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर किया है।
एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक लापता किसान का शव 15 जुलाई को शिवगढ़ (रायबरेली) के पास इंदिरा नहर में बरामद होने के बाद हत्याकांड का खुलासा हो सका। गोसाईंगंज के बरकतनगर भट्टी गांव निवासी किसान संतोष कुमार (42) एक पैर से दिव्यांग थे। आठ अप्रैल की शाम संतोष संदिग्ध हालात में लापता हो गए थे। 13 जुलाई को संतोष की बेटी रोशनी (17) ने गोसाईंगंज थाने में पिता की गुमशुदगी दर्ज कराई थी, जबकि 15 जुलाई को संतोष का शव रायबरेली के शिवगढ़ थानाक्षेत्र में इंदिरा नहर में मिला था।
संतोष के पांच बच्चे हैं। एसओ गोसाईंगंज बलवंत शाही के मुताबिक पुलिस ने हत्या के आरोप में बरकतनगर भट्टी गांव निवासी संतोष के बेटे मोहित, लक्ष्मीनारायन व मोहनलालगंज के अतरौली गांव निवासी संजय कुमार को गिरफ्तार किया है। एसओ के मुताबिक संतोष की पत्नी प्रमिला करीब तीन साल पहले उससे अलग हो गई थी। उसका बड़ा बेटा मोहित भी एक साल से घर से अलग रह रहा था। संतोष की नाबालिग बेटी गुमशुदगी दर्ज कराने आई थी। तब उससे पारिवारिक स्थिति का पता चला था।
तभी से पुलिस को बड़े बेटे मोहित की भूमिका पर संदेह था। गहनता से छानबीन में सामने आया कि संतोष को अपने भांजे रवि पर काफी भरोसा था। संतोष ने अपनी जमीन बेचकर मिली रकम से करीब 15 लाख रुपये रवि को दिए थे, जिससे रवि ने मकान बनवाया था और शादी की थी। कुछ दिनों पूर्व संतोष ने अपनी और दो बीघा जमीन का सौदा 1.20 करोड़ में तय किया था। उसे एडवांस के तौर पर 20 लाख रुपये मिले थे।
मोहित को भय था कि उसके पिता सारी संपत्ति रवि को दे देंगे। पिता उसे रुपये नहीं देते थे। पुलिस जांच में सामने आया कि संतोष की पत्नी प्रमिला उससे अलग होकर आरोपित लक्ष्मीनारायन के साथ रह रही थी। संपत्ति के लालच में मोहित ने अपनी मां प्रमिला, लक्ष्मीनारायन व संजय के साथ मिलकर हत्या का षड्यंत्र रचा था। पुलिस के मुताबिक मोहित ने षड्यंत्र के तहत पिता से बात करने के लिए फेक आइडी पर सिम लिया था। एक नया फोन लेकर उस नंबर से केवल संतोष को ही कॉल की गई थीं।
आठ जुलाई को उसी नंबर से मोहित ने कॉल कर पिता संतोष को मोहनलालगंज बुलाया था, जहां उसे बातों में उलझाकर शराब पिलाई। इसके बाद मोहित व लक्ष्मीनारायन बाइक से संतोष को गांव छोड़ने के बहाने साथ ले गए और नगराम के आगे उसे नहर में फेंक दिया था। पुलिस ने जांच की तो संतोष के खाते में 20 लाख रुपये जमा पाए गए। पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त बाइक व किसान की बैसाखी बरामद की हैं।