काफी समय से रिलीज का इंतजार कर रही प्रकाश झा की मूवी ‘लिप्सटिक अंडर माय बुर्का’ इस हफ्ते रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म ने अपनी रिलीज के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है। लिप्सटिक अंडर माय बुर्का को बालाजी मोशन पिक्चर्स के बैनर तले बनाया गया है। फिल्म में स्टार कास्ट रत्ना पाठक, कोंकणा सेन, अहाना कुमार, प्लबिता बोरठाकुर, विक्रांत मेसी, सुशांत सिंह, शशांक अरोड़ा, वैभव, जगत सिंह सोलंकी हैं। कहानी चार औरतों और उनकी जिंदगी के इर्द-गिर्द घूमती है। यह वह आम औरते हैं जो अपने घर परिवार के काम-काज करने के बीच अपने आपको भी ढूंढने की कोशिश करती हैं, कभी अपने ख्यालों में तो कभी कमरे में अकेले शीशे के आगे बैठ कर।
कहानी में इन महिलाओं की फैंटेसी को दिखाया गया है। चारों महिलाएं भोपाल में ही रहती हैं। एक प्वॉइंट पर आकर इन महिलाओं की जिंदगी कैसे मिलती है। किस तरह से ये महिलाएं एक चार दीवार में रह कर जिंदगी गुजार रही हैं और वह उनसे किस तरह से बाहर निकलने की कोशिश करती हैं, फिल्म में दिखाया गया है। इस दौरान वह अपने ख्यालों में अंतरंग सपने भी बुनती हैं, तरह-तरह की फैंटेसीज भी करती हैं। रत्ना पाठक फिल्म में बुआ जी का किरदार निभा रही हैं। वहीं कोंकणा सेन फिल्म में तीन बच्चों की मां बनी हुई हैं। फिल्म में उनके पति बने सुशांत सिंह एक ऐसे आदमी का किरदार निभा रहे हैं जो औरत को पैरों की जूती समझता है और हमेशा अपनी पत्नी से एक ही बात कहता है ‘औरत हो औरत ही बन कर रहो। ‘
बता दें, कि सेंसर बोर्ड के मना करने के बाद फिल्म निर्माता इसे फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण के पास लेकर गए थीं। जहां से फिल्म को ए सर्टिफिकेट मिला है। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी सीबीएफसी ने इस फिल्म को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि इसकी कहानी नारीवादी और महिलाओं की जिंदगी से बढ़कर उनकी फैंटेसी के बारे में है। इसमें लगातार सेक्सुअल सीन, अपशब्द, ऑडियो पोर्नोग्राफी शामिल हैं। इसलिए फिल्म को 1(a), 2(vii), 2(ix), 2(x), 2(xi), 2(xii) and 3(i) गाइडलाइन के तहत नकारा जाता है।