लखनऊ: नॉर्थ-साउथ कॉरीडोर के आठ स्टेशन बनने के बाद लखनऊ मेट्रो ने चारबाग से आगे बनने वाले भूमिगत स्टेशन की ओर पूरा फोकस कर दिया है। यहां चारबाग से मेट्रो रैंप के जरिए भूमिगत हो जाएगी। इसके लिए रैंप बनाने का काम जहां तेज हो गया है। वहीं सचिवालय से हुसैनगंज के बीच सुरंग बनाने की कवायद भी तेज हो गई है। जबकि हजरतगंज से सचिवालय के बीच सुरंग के बाद पटरियों को बिछाने का काम भी शुरू होने जा रहा है।
लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन (एलएमआरसी) का उद्देश्य है कि चारबाग से आगे बनने वाले तीन भूमिगत स्टेशन का ढांचा मार्च 2018 तक तैयार कर लिए जाए। वहीं कुछ स्टेशनों के बीच पटरियों का काम भी पूरा कर लिया जाए, जिससे दिसंबर 2018 से पहले भूमिगत स्टेशनों के बीच कोई काम न बचे। वहीं कार्यदायी संस्था हजरतगंज से सचिवालय स्टेशन के बीच पटरी, ओएचई व सिगनल का काम और सचिवालय से हुसैनगंज के बीच मेट्रो सुरंग बनाने का काम पूरा कर लेना चाहती है।
मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग मेट्रो स्टेशन तक एलीवेटेड स्टेशन हैं, इसके बाद मेट्रो रैंप के जरिए भूमिगत स्टेशनों के बीच चलेगी और फिर हजरतगंज स्टेशन पार करते हुए हिन्दी संस्थान के पास रैंप के जरिए बाहर आएगी। यहां से मेट्रो एलीवेटेड स्टेशन होते हुए मुंशी पुलिया तक जाएगी।
सीआरए करेंगे स्टेशनों पर मदद
मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों की मदद के लिए कस्टमर रिलेशन असिस्टेंट (सीआरए) तैनात किए जाएंगे। करीब 26 सीआरए को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यह सीआरए यात्रियों को मेट्रो कार्ड, कार्ड को रिचार्ज व अन्य परेशानियों को दूर करने में मदद करेंगे। सीआरए की पहली पाली स्टेशनों पर सुबह 5:30 बजे और दूसरी पाली 1:45 बजे से शुरू होगी। इसके अलावा स्टेशन ट्रेन ऑपरेटर भी स्टेशनों पर संचालन शुरू होते ही तैनात होंगे।