इन दिनों भारतीय महिला क्रिकेटरों की खूब तारीफ की जा रही है। इससे पहले 1976-77 में खेले गए भारत और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मैच में एक भारतीय खिलाड़ी ने पूर्व न्यूजीलैंड के ऑल राउंडर रिचर्ड हेडली को उस समय अंचभित कर दिया था जब उन्होंने मैच के दौरान भारतीय खिलाड़ियों का बहुत मजाक उड़ाया था। इतना ही नहीं रिचर्ड ने भारतीय खिलाड़ियों के सामने छक्का मारने तक की चुनौती सामने रख दी थी। रिचर्ड ने भारतीय खिलाड़ियों का मजाक उड़ाते हुए बोला था कि ये कितनी दुबली हैं और ये क्या छक्का मारेंगे। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए अगले ही वार्म अप मैच में भारतीय ऑल राउंडर डायना एडोलजी ने अपना बल्ला थामते हुए छक्का जड़ दिया था। इस मैच में डायना ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन करके दिखाया था जिसके बाद उनकी काफी प्रशंसा की गई थी।
आपको बता दें कि डायना फ्रेम एडोलजी ने बहुत ही जल्दी क्रिकेट से सन्यास ले लिया था। उन्होंने रेलवे कॉलोनी की गलियों में रहते हुए टेनिस के बॉल से क्रिकेट खेलने की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने जूनियर नेशनल लेवल पर बास्केटबॉल और टेबल टेनिस खेलना शुरु किया लेकिन उनका मन उसमें नहीं लगा तो डायना क्रिकेट खेलने लगीं। पूर्व क्रिकेटर लाला अमरनाथ द्वारा होस्ट किए गए एक कैंप में डायना ने अपनी क्रिकेट स्किल्स दिखाईं। उस समय भारत में महिला क्रिकेट को एक नई पहचान मिल रही थी। पहले तो डायना रेलवे के लिए खेला करती थीं फिर वे भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा बन गईं।
उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच 1975 में खेला था। 1978 में डायना को भारतीय टीम का कप्तान बना दिया गया था। डायना बल्लेबाजी तो शानदार करती ही थीं इसके साथ ही वे बेहतरीन गेंदबाजी भी करती थीं। डायना ने अपने करियर में 120 विकेट लिए थे जिसके बाद वे उस समय की सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बन गई थीं। महिला टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली खिलाड़ी रिकोर्ड दर्ज रहा। खेल में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए 1983 में उन्हें खेल के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जुना अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके बाद भारत सरकार ने उन्हे 2002 में पद्मश्री पुरस्कार दिया। डायना को भारतीय महिला क्रिकेट की बेहतरीन खिलाड़ी के नाम से बुलाया जाता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 30 जनवरी, 2017 को डायना को बीसीसीआ एडमिनिस्ट्रेशन पैनल का हिस्सा बनाया गया है।