Thursday, April 18, 2024
featuredदेश

विदाई समारोह: राष्‍ट्रपति ने खुद को बताया संसद की रचना

SI News Today

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी का विदाई समारोह संसद के सेंट्रल हॉल में हुआ।लोकसभा एवं राज्‍यसभा के सदस्‍य देश के 13वें राष्‍ट्राध्‍यक्ष प्रणब मुखर्जी को विदाई देने एकत्र हुए। समारोह में लोकसभा अध्‍यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय कैबिनेट, विपक्षी पार्टियों के नेता मौजूद रहे। लोकसभा स्‍पीकर ने सांसदों द्वारा हस्‍ताक्षरित एक पुस्‍तक मुखर्जी को भेंट की। समारोह में राष्‍ट्रपति ने कहा, ”अगर मैं यह दावा करूं कि मैं इस संसद की रचना हूं तो शायद इसे अशिष्‍टता नहीं समझा जाएगा। मुझे लोकतंत्र के इस मंदिर ने, इस संसद ने तैयार किया है। 22 जुलाई 1969 को पहला राज्यसभा सत्र अटेंड किया था। संसद में 37 साल का सफर 13वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के बाद ख़त्म हुआ था, फिर भी जुड़ाव वैसा ही रहा। अगर मैं यह दावा करूं कि मैं इस संसद की रचना हूं तो शायद इसे अशिष्‍टता नहीं समझा जाएगा। संसद में पक्ष और विपक्ष में बैठते हुए मैंने समझा कि सवाल पूछना और उनसे जुड़ना कितना ज़रूरी है। जब संसद में किसी व्यवधान की वजह से कार्रवाई नहीं हो पाती तो लगता है कि देश के लोगों के साथ गलत हो रहा है। मैंने बहुत से बदलाव देखे, हाल ही में जीएसटी का लागू होना भी गरीबों को राहत देने की दिशा में बड़े कदम का उदाहरण है।”

भारत के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर वह कल अपने उत्तराधिकारी राम नाथ कोविंद के लिये राष्ट्रपति भवन छोड़ेंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल ने लंबे समय तक अपने सहयोगी रहे मुखर्जी को एक ऐसा शख्स बताया जो ‘‘देश की राजनीति और अर्थशास्त्र को श्रेष्ठ संभव तरीके से जानता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह संसद में सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक रहे और यह बेहद अच्छी तरह जानते थे कि किस तरीके से एक मंत्री को आचरण करना चाहिये। वह जानते थे कि बिना सरकार के लिये परेशानी खड़ी किये संविधान की सुरक्षा कैसे करनी है।

SI News Today

Leave a Reply