Tuesday, April 16, 2024
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यूपी के 8 जोन में चल रही 35 लाख की ये वैन

SI News Today

लखनऊ! फॉरेंसिक साइंस लैब को अत्याधुनिक तकनीक से लैस विन (व्हीकल चेचिस आइडेंटिफिकेशन) वैन मुहैया कराई गई है। इस वैन में स्कैनर लगा हुआ है जिससे कि गाड़ियों को स्कैन किया जा सकेगा। इससे असलहों और मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों की धर पकड़ की जा सकेगी।

8 जोन में चल रही फॉरेंसिक विन वैन
– FSL डायरेक्टर एस. बी. उपाध्याय ने बताया कि असलहों की तस्करी करने वालों को ट्रेस करने के लिए सरकार ने फॉरेंसिक साइंस लैब को अत्याधुनिक तकनीक से लैस वैन “विन” (व्हीकल चेचिस आइडेंटिफिकेशन) सिस्टम मुहैया कराई है।

– इस वैन के जरिए फर्जी नंबर प्लेट व चेचिस नंबर बदल कर वाहनों से होने वाली तस्करी को रोका जा सकेगा। इस हाईटेक वैन में लगे उपकरणों को चलाने का प्रशिक्षण दिया गया और अब इसे काम पर लगाया जा चुका है।

– इस वैन में पुलिस की मदद के लिए दो वैज्ञानिकों के अलावा एक फोटोग्राफर और ड्राइवर की तैनाती की गई है।

– एस.बी. उपाध्याय ने बताया कि, यूपी के 8 जोन में फॉरेंसिक “विन” वैन भेज दी गई हैं। सभी वैन मौजूदा समय में काम कर रही हैं। एक वैन की कीमत 35 लाख रुपए हैं।

इन सुविधाओं से लैस है विन वैन
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ऐसे काम करती है एक्सरे मशीन
– FSL डायरेक्टर के अनुसार वैन में लगी पोर्टबेल एक्सरे मशीन एक मेटल डिटेक्टर और नारकोटिक्स स्कैनर का काम करती है।

– किसी भी संदिग्ध वाहन को रोकने पर एक्सरे मशीन वाहन के एक हिस्से के बाहर लगा कर उसे लैपटॉप से जोड़ दिया जाता है।

– महज दो मिनट के अंदर ही एक्सरे मशीन पूरे वाहन को स्कैन कर देता है। इसके बाद वाहन के अंदर रखी हर एक चीज लैपटॉप के जरिए प्रोजेक्टर पर दिखने लगती है।

– इतना ही नहीं वाहन के अंदर रखा कोई भी सामान चाहे बॉक्स में बंद हो या फिर सीट के नीचे रखी हो सब स्कैन हो जाता है।

चोरी के वाहनों को भी पकड़ेगी विन
– डायरेक्टर ने बताया कि विन वैन के जरिए चोरी के वाहनों को भी पकड़ने में खासी मदद मिलेगी। अभी तक चोरी के वाहनों से चेचिस नंबरों को खुरच कर मिटा दिया जाता रहा है और फर्जी तरीके से दूसरा नंबर डालकर नए पेपर बनाकर गाड़ियों को बेच दिया जाता था।

– लेकिन अब मैगनेटिक विधी के जरिए ऐसे वाहनों के चेचिस नंबर पर ब्लोरोसेट केमिकल का स्प्रे करते हैं। इसके बाद माइक्रोन्स और इलेक्ट्रांस अपना काम शुरू कर देते हैं।

– जिसके जरिए महज 2 मिनट के अंदर ही चेचिस का पुराना नंबर सामने आ जाता है।

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