Source :Viwe Source
मैंने अपने घर पर छोटे अंबानी की कंपनी का ब्राडबैंड इंटरनेट ले रखा था…चाहे जब स्पीड ऊपर-नीचे होती रहती थी…और चाहे जब चला जाता था…..सारे मूड की जाने क्या-क्या हो जाती थी…शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं..फिर भी हमने निभाना सीख लिया…लेकिन जनवरी में तो हद ही हो गई…नेट गायब…शिकायत करने पर 48 घंटे का झांसा….और बंद नेट का बिल भरने के लिए कंपनी के नौकरों के फोन..पता चला कि पड़ौस के जिस डब्बे से हमें कनेक्शन दिया गया है…वह डब्बा जिसके घर पर लगा है उसे दस माह से राशि का भुगतान नहीं किया गया है,इसलिए उस मकान के मालिक ने कनैक्शन का तार ही काट दिया है और जयपुर में आधे से अधिक डब्बे इसी तरह कटे पड़े हैं….पर कंपनी के मालिकों की कोई मंशा नहीं है कि उनका भुगतान किया जाए
इस स्थिति से आजिज आकर हमने बड़े भैय्या का बहुप्रचारित 4जी वाई-फाई ले लिया….पर इस बार भी हम झूठे वादों में फंस गए…इस सबसे सस्ते और सबसे तेज कनेक्शन ने तो 10-20 केबी की स्पीड देकर सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए….यहां तक कि फेसबुक खोलने पर भी कनेक्ट करने वाला गोला 15-15 मिनट तक घूमता ही रहता था….रात को 2 बजे बाद 2-3 घंटे को ही थोड़ी सी स्पीड आती थी….मेरे लिए लगातार रात्रि जागरण संभव न था…इसलिए बड़े भैय्या की छोटी डब्बी को डिब्बे में बंद करना पड़ा
अब अन्य कंपनी से नया कनैक्शन लिया है….स्पीड से पूरा घर खुश है…फिलहाल बड़बोले और झूठे भाइयों से तो पीछा छूट चुका है…अब देखना ये है कि नई कंपनी के कारण कब तक घर में खुशी रहती है