चेहरे पर फुंसी निकल आए। दाग पड़ जाए, तो उसके लिए लोग घंटों सोचते-विचारते हैं। कैसे दुनिया के सामने जाएंगे। लोग क्या सोचेंगे। जैसे फोड़े-फुंसियां सिर्फ वहीं भोग रहे हों। खैर, ऐसे ही लोगों के लिए मिसाल हैं सारा गर्ट्स। उम्र 26 साल है। पेशे से मॉडल हैं, लेकिन दिखने में थोड़ी उम्रदराज मालूम देती हैं। कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर से शरीर के कुछ हिस्सों की खाल लटकती है। 10 साल की थीं, तब से इस बीमारी से जूझ रही हैं। शुरुआत में वह अपनी खाल और लुक्स को लेकर चिंतित रहती थीं, लेकिन एक घटना ने उनकी जिंदगी बदल दी। अपने असल रंग-रूप के दम पर वह सुंदरता के मानकों को टक्कर देती दिख रही हैं।
अमेरिका में जगह है मिनीसोट्टा। वहां के मिन्नेयापोलिस में जन्मीं सारा के गले, बांह और पेट के पास की खाल लटकती है। 10 साल की उम्र में उन्हें कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर हुआ था। असल नाम डर्माटोप्रैकिस एल्हर्स डैनलोस सिन्ड्रोम (ईडीएस) है, जिससे उनके शरीर के कुछ हिस्सों की खाल बेहद ढीली पड़ चुकी है।
उन्होंने बताया, “बुनियादी स्तर का ईडीएस” न केवल जोड़ों बल्कि खाल को भी प्रभावित करता है। यह मल्टी सिस्टेमैटिक डिसऑर्डर है, जो शरीर के हर हिस्से पर प्रभाव छोड़ता है।” आगे कहा, “कुछ ईडीएस के मरीज तो ज्यादा दिक्कत के चलते चल भी नहीं पाते। व्हीलचेयर ही उनका सहारा होती है। शुक्र है कि मैं उनमें से नहीं हूं। जोड़ों के दर्द से निपटने के लिए मसाज थेरेपी, अक्यूपंक्चर और मेडिकल मारीजुआना (मिनीसोट्टा में वैध) का इस्तेमाल इससे राहत पाने को करती हैं।”
सात साल की थीं, तो खाल के बारे में गड़बड़ लगा। घरवालों को बताया। दस साल की भी नहीं हुई थी कि वे डर्माटोलॉजिस्ट के पास ले गए। उस दौरान माथे पर फोड़े-फुंसी और घाव हो रहे थे। हाइस्कूल में थी, तो बड़ा इनसिक्योर रहती। इस बारे में किसी से बात भी न करतीं। अपनी त्वचा देखकर बचती थीं। कतराती थीं। मुझे इस बात को लेकर परेशान भी किया गया। मगर परिवार और दोस्तों ने भरसक सहारा दिया। फिर भी मैं अपनी खाल को स्वीकार नहीं पाई। ढीले कपड़े पहनती और अपना बदन छिपाती फिरती।
22 साल की हुईं तो खुद में बदलाव लाने की सोची। 2015 में टंब्लर पेज पर ‘लव योर लाइन्स’ कैंपेन के तहत उन्होंने अपने फोटो पोस्ट करने शुरू किए। अब वह अपने दानों, दागों, फोड़े-फुंसियों और लटकी हुई खाल के खिलाफ हिम्मत जुटा चुकी थीं। 25 हजार लोगों ने तस्वीर पसंद की। वह मेरे लिए बेहद खास मौका था। खुशी के मारे दो घंटे रोती रही। यकीन नहीं कर सकी कि मेरी तस्वीर लोगों ने पसंद की। उसके बाद तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। सारा के संघर्ष से जुड़े सफर में उनकी गर्लफ्रेंड ने खूब सपोर्ट किया। ब्रियाना बरग्लंड, जो अब सारा की पर्सनल फोटोग्राफर हैं। वह बताती हैं कि उन्हें सारा पर बहुत गर्व है।