क्रिकेट में यूं तो खिलाड़ी कई तरीकों से आउट हो सकते हैं। लेकिन महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के नाम आउट होने का अनोखा रिकॉर्ड दर्ज है। बहुत कम लोग जानते हैं कि सचिन थर्ड अंपायर द्वारा आउट दिए जाने वाले पहले क्रिकेटर हैं। यह पहली बार था, जब क्रिकेट में एेसी टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया गया था। यह घटना है 14 नवंबर 1992 की। अब विस्तार से आपको इस बारे में बताते हैं। रंगभेद प्रकरण के बाद भारतीय टीम द.अफ्रीका के दौरे पर गई थी। इसी सीरीज में सचिन तेंदुलकर पहले एेसे खिलाड़ी बने थे, जिन्हें थर्ड अंपायर ने आउट दिया था और यह फैसला लेने वाले शख्श थे कार्ल लीबेनबर्ग। भारत बनाम द.अफ्रीका के बीच सीरीज का पहला टेस्ट मैच डरबन में खेला गया था। मैच में मेहमान टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का फैसला लिया। यह सही भी निकला, क्योंकि द.अफ्रीकी टीम 254 रनों पर अॉल आउट हो गई। कपिल देव ने इस मैच में 3 विकेट लिए थे। मैच के दूसरे दिन भारत की शुरुआत खराब रही और ब्रायन मैकमिलन और ब्रेट श्यूल्ज की धारदार गेंदबाजी के चलते अजय जडेजा और संजय मांजरेकर सस्ते में आउट हो गए। इसके बाद रवि शास्त्री का साथ देने के लिए सचिन तेंदुलकर क्रीज पर आए। दोनों ने स्कोर में 16 रन जोड़े ।
इसके बाद मैकमिलन 19 साल के सचिन को गेंदबाजी करने आए। सचिन ने एक सिंगल लेने की कोशिश की, लेकिन शास्त्री ने उन्हें वापस भेज दिया। मगर जोंटी रोड्स ने तेजी से दौड़ते हुए गेंद विकेटों की तरफ एंड्रयू हडसन की ओर फेंकी और उन्होंने गिल्लियां बिखेर दीं। स्क्वेयर लेग पर खड़े अंपायर सायरल मिचली ने इस बारे में तीसरे अंपायर से सलाह ली। कार्ल लीबेनबर्ग ने जब रिप्ले में देखा तो नजर आया कि सचिन क्रीज से कुछ दूर रह गए थे। उन्होंने सचिन को 11 रनों के निजी स्कोर पर आउट दे दिया और द.अफ्रीकी खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। 4 टेस्ट मैचों की सीरीज द.अफ्रीका ने 1-0 से जीती थी। केपलर वेसल्स ने सीरीज में सबसे ज्यादा रन और एलन डोनाल्ड ने सबसे ज्यादा 20 विकेट लिए थे। उन्हें इसके लिए मैन अॉफ द मैच भी चुना गया था। भारत का प्रदर्शन वनडे सीरीज में भी खराब रहा था और 7 मैचों की वनडे सीरीज में उसे 5-2 से मात मिली थी।