लखनऊ: दहेज में प्लॉट व नकदी न मिलने पर पीएसी के प्लाटून कमांडर रणधीर सिंह ने गर्भवती पत्नी को घर से निकाल दिया। पीड़िता ने चिनहट कोतवाली में आरोपित पति समेत अन्य ससुरालीजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
कमता स्थित विमल नगर कॉलोनी निवासी प्रीती सिंह की शादी पिछले साल 20 अप्रैल को बाराबंकी पीएसी 10वीं बटालियन में तैनात प्लाटून कमांडर रणधीर सिंह के साथ हुई थी। प्रीती के मुताबिक शादी के बाद से ही ससुरालीजन कम दहेज को लेकर प्रताड़ित करने लगे। इसके बाद पीड़िता पति के साथ पीएसी बटालियन चली गई।
एक माह बाद पति भी दहेज के लिए परेशान करने लगा और मायके वालों से प्लॉट दिलवाने की बात कही। आरोप है कि प्लॉट की मांग पूरी न होने पर आरोपित पति कमरे में बंदकर पीड़िता को मारता-पीटता और गालियां देता। सास व ननद कम दहेज लाने पर तरह-तरह के ताने देतीं और कहती जब शादी की है तो अधिक दहेज देना पड़ेगा। सास कहती कि शादी में एक सिपाही को दस लाख रुपये मिलते हैं, तुम्हारा पति तो दारोगा है।
पीड़िता ने छह फरवरी को पति रणधीर की शिकायत बाराबंकी में अधिकारियों से की जहां ससुरालीजनों ने माफी मांग कर सुलह कर ली। इसके बाद से ससुरालीजनों ने प्रीती को मायके वालों से मिलने से मना कर दिया। इस दौरान वह गर्भवती हो गई तो पति ने इलाज के लिए रुपये तक नहीं दिए और कहा कि बच्चे से उसका कोई संबंध नहीं है। इलाज न होने पर प्रीती ने अपने मायके वालों की मदद से 1090 पर शिकायत की।
शिकायत के बाद 23 जून को पति रणधीर व ससुरालीजनों ने उसे यह कहकर घर से निकाल दिया कि जब तक अपने पिता से प्लॉट नहीं दिलवा देती वापस मत आना। घर से निकाले जाने के बाद प्रीती अपने पिता योगेंद्र सिंह के साथ चिनहट कोतवाली पहुंचीं और पति रणधीर, सास, ननद पूजा सिंह, देवर दीपक सिंह के खिलाफ दहेज समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।