Friday, March 29, 2024
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मामूली कर्ज के ल‍िए रहस्‍यमय तरीके से गायब हो गए गुरू

SI News Today

योग गुरु बाबा रामदेव का नाम देश में ही नहीं विदेश में भी काफी मशहूर है। वे योग पर भाषण देने के लिए अक्सर विदेश दौरे पर जाते रहते हैं। बाबा रामदेव ने दीक्षा गुरु शंकर देव से ली थी। दीक्षा लेने के बाद से ही अपने गुरु के साथ उनका काफी अच्छा रिश्ता बन गया था। एक बार की बात है जब बाबा रामदेव अमेरिका गए थे जहां पर उन्होंने कई लोगों को योग पर भाषण दिया और इसके बाद उनका अगला कार्यक्रम लंदन में था। इसी बीच बाबा रामदेव को सोचना मिली की उनके गुरु शंकर देव लापता हो गए हैं लेकिन बाबा रामदेव वापस भारत आने के बजाए लंदन चले गए। अपने योग और पतंजलि के काम की व्यस्तता के कारण बाबा रामदेव यह कभी नहीं देख पाए कि उनके गुरु बीमार, दुखी थे और उन्होंने खुद को अपने कृपालुबाघ आश्रम से अलग कर लिया था।

दिव्ययोग मंदिर के ट्रस्टी गुरु शंकर देव बाबा रामदेव की किसी भी नई कंपनी के बोर्ड का हिस्सा भी नहीं बने। बढ़ती उम्र और स्पाइनल ट्यूबरकलॉसिस की बीमारी के कारण शंकर देव कमजोर होते जा रहे थे। यह बात 14 जुलाई, 2007 की है जब बाबा रामदेव शिकागों में थे और उन्हें उत्तराखंड के कनखल से फोन कर बताया गया था कि उनके गुरु शंकर देव गायब हो गए हैं। बाबा रामदेव ने उस दिन के अपने सभी काम छोड़ दिए लेकिन वे वापस नहीं आए। ऐसा भी हो सकता है कि यह भयानक खबर सुनकर उन्हें धक्का लगा हो या फिर वे असुविधाजनक समय में थे जिसके कारण वे वापस नहीं आ पाए। इस खबर को सुनने के बाद बाबा रामदेव को यह चुनना था कि वे वापस भारत आएं या फिर लंदन जाएं जहां पर जनता ने उनके सम्मान की पूरी तैयारी कर रखी थी। काफी विचार-विपर्श करने के बाद बाबा रामदेव ने अपने गुरु से प्राप्त की  दीक्षा के आधार पर लंदन जाने का चुनाव किया।

बाबा रामदेव ने गुरु शंकर देव से न केवल दीक्षा ली थी, इसके साथ ही उन्होंने अपने गुरु से कैसर रंग का वस्त्र भी प्राप्त किया था जिसके बाद उन्होंने दुनिया के मोह को त्याग दिया था। बाबा रामदेव अपने गुरु को माता-पिता के सम्मान मानते थे। गुरु शंकर देव ने गायब होने से पहले अपने कमरे में एक गुप्त नोट छोड़ा था। इस नोट पर लिखा था मैंने तुमसे अपने ट्रस्ट के लिए कुछ कर्ज लिया था जिसका मैं भुगतान नहीं कर पाया। कृपया मुझे माफ कर देना, मैं जा रहा हूं। 18 जुलाई 2007 को गुरु शंकर देव की कनखल पुलिस थाने में लापत होने की शिकायत दर्ज कराई गई। वहां लंदन में बाबा रामदेव लोगों को ज्ञान दे रहे थे और यहां भारत में उनके गुरु को ढूंढने के लिए जांच शुरु की गई लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला।

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