Thursday, April 18, 2024
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केजीएमयू: तीन साल में 61 ऑक्सीजन सिलेंडर हुए गायब

SI News Today

लखनऊ: केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग से 61 सिलेंडर गायब हैं। बताया जा रहा है कि ये सिलेंडर वर्ष 2014 में ही गायब हो गए थे, लेकिन मामला दबा रहा। इधर, कुलपति तक बात पहुंची है, तब मामला खुला है। सिलेंडर को लेकर वार्ड के स्टाफ व स्टोर इंचार्ज से लेकर ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाली कंपनी तक सवालों के घेरे में हैं।

दरअसल, केजीएमयू में 900 के करीब जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर और 250 के करीब छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। पाल्मोनरी विभाग को इनमें से करीब 83 ऑक्सीजन सिलेंडर बहुत पहले दिए गए थे। वर्ष 2014 में इन्हीं 83 सिलेंडर में से 61 सिलेंडर गायब हो गए, लेकिन बात दबी रही। सिस्टर इंचार्ज का रिटायरमेंट हुआ और उनके सेवानिवृत्त देय रुकने पर मामला संज्ञान में आया।

सिस्टर का नोड्यूज फंसा तो खुला मामला: इधर, जब उस समय की वार्ड इंचार्ज सिस्टर का नोड्यूज फंसा तो मामला गरमाया। सिलेंडर की संख्या पूरी न होने पर सिस्टर का नोड्यूज जारी नहीं हुआ। सिस्टर की पेंशन व भुगतान अधर में फंस गए। सिस्टर ने अफसरों को पत्र लिखा कि नोड्यूज जिन सिलेंडरों के गायब होने के कारण रुका है, वह उनकी गलती से गायब नहीं हुए। सिस्टर के इस पत्रचार के बाद मामला सार्वजनिक हो गया।

पहले गायब हुए 141 सिलेंडर: केजीएमयू में सिलेंडर गायब होने का यह कोई नया मामला नहीं है। गत वर्ष ट्रॉमा सेंटर समेत विभिन्न विभागों से करीब 141 सिलेंडर गायब हो गए थे। जांच के दौरान केजीएमयू में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली दो कंपनियों का टेंडर निरस्त कर दिया गया था। मगर सिलेंडर की बरामदगी अभी तक नहीं हुई है। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

कंपनी पर लगाए आरोप: सिस्टर ने सिलेंडर गायब होने का आरोप ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाली कंपनी पर लगाया। उन्होंने सीएमएस को लिखे पत्र में कहा कि 30 सितंबर 2014 को विभाग में कुल 83 सिलेंडर थे। एक अक्टूबर को सुबह 34 सिलेंडर ऑक्सीजन भरने गए, मगर कंपनी ने सिर्फ 25 वापस किए। वहीं शाम को 41 सिलेंडर कंपनी ऑक्सीजन भरने गए, इस रात्रि को कोई भी वापस नहीं आया। इसके बाद तीन अक्टूबर को दोपहर दो बजे 11 सिलेंडर कंपनी गए, इसमें एक भी वापस नहीं आया है।

स्टोर इंचार्ज से मांगी थी रिसीविंग: आरोप है कि सिस्टर ने स्टोर इंचार्ज से कंपनी गए और वापस आए सिलेंडर की रिसीविंग मांगी, तो उसने नजरंदाज कर दिया।

क्या कहते हैं अधिकारी: आॅक्सीजन आपूर्ति के इंचार्ज डा. संदीप तिवारी कहते हैं, ऑक्सीजन प्लांट बनने के बाद सिलेंडर जमा करने का निर्देश दिया गया था। इसमें पाल्मोनरी विभाग से सिलेंडर काफी कम आए हैं। अब यह गायब सिलेंडर कहां हैं, इसके बारे में पता लगाया जा रहा है।

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