एक रिसर्च में दावा किया गया है कि कि पिछले 40 सालों में पुरुषों का स्पर्म काउंट घट कर आधा रह गया है। इस रिपोर्ट ने चेताया है कि अगर अब भी मर्दों ने लापरवाही नहीं छोड़ी तो इसके परिणाम बेहद गंबीर हो सकते हैं। दरअसल साइंटिफिक स्टडीज ने अपनी रिसर्च में पाया कि पिछले 40 सालों में पश्चिम देशों में रहने वाले पुरुषों की मर्दानगी में कमी आई है। इतना ही नहीं समीक्षा में यह भी कहा गया है कि आधुनिक दुनिया और लोगों का बदलता जीवनशैली पुरुषों की सेहत के लिए गंभीर खतरा होता जा रहा है। इस रिसर्च रिपोर्ट में स्पर्म काउंट कम होने के पीछे पेस्टीसाइड्स का इस्तेमाल, डायटिंग, काम के बोझ, धूम्रपान, मोटापा और शराब पीने की लत का हाथ बताया है। इसके चलते पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इजरायल, अमेरिका, डेनमार्क, ब्राजील और स्पेन का कुल स्पर्म काउंट 1971 से 2011 के बीच 59.3% घटा है जबकि यूरोप, नॉर्थ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में स्पर्म काउंट 52.4% तक घटा है।
मर्दों में डायटिंग की आदत को नुकसान दायक बताते हुए रिपोर्ट ने दावा किया है कि इससे पुरुष प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। प्रजनन संबंधी समस्याओं के अलावा शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि स्पर्म काउंट में कमी के अलावा टेस्टीकुलर कैंसर का ट्रेंड भी बढ़ा है।